‘कभी बच्चियों की नहीं भरी फीस…’ महाभारत के ‘कृष्ण’ Nitish Bhardwaj की IAS पत्नी ने सभी आरोपों को बताया गलत

Nitish Bharadwaj: एक्टर नीतीश भारद्वाज और स्मिता भारद्वाज के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद पर अब स्मिता भारद्वाज ने चुप्पी तोड़ी है.
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फिल्म अभिनेता नीतीश भारद्वाज व स्मिता भारद्वाज(फोटो सोशल मीडिया)

Nitish Bhardwaj: फिल्म अभिनेता नीतीश भारद्वाज और मध्य प्रदेश कैडर की सीनियर भारतीय प्रशासनिक सेवा की अधिकारी स्मिता भारद्वाज के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद पर अब IAS पत्नी ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने नीतीश के सभी आरोपो को निराधार बताया है. स्मिता भारद्वाज ने कहा कि नीतीश ने दावा किया था कि मैंने बेटियों का अपहरण कर लिया, उनसे मिलने नहीं दे रही.. जो  पूरी तरीके से निराधार है. साल 2022 से घर के फोन से नीतीश ने बेटियों से नियमित संपर्क रखा है.

स्मिता ने कहा कि बच्चियों के भोपाल में होने के खुलासे के बावजूद कोई ध्यान नहीं दिया गया और इस प्रकार गलत जानकारी फैलाई गई. नीतीश ने उत्पीड़न, भावनात्मक परेशानी और बदनाम करने की दुर्भावना से यह किया है. उन्होंने कहा कि क्या किसी मां के लिए अपनी खुद की बेटियों के कानूनी अभिरक्षा में उनका अपहरण करना कानूनी रूप से संभव है.

बेटियों के साथ पिता के रवैए को लेकर भी उन्होंने जिक्र किया और कहा कि नीतीश भारद्वाज ने चार सालों के दौरान अपनी बेटियों से तीन बार ही व्यक्तिगत के रूप से मुलाकात की है. स्मिता ने कहा कि अक्टूबर 2018 और 19 में बेटियों को उनके पिता से मिलवाने मुंबई ले गई थी. तब उन्होंने अपने खुद के परिवार को वैवाहिक घर में रहने देने से इनकार कर दिया और मुझे मेरी बेटियों के साथ अपने खर्चे पर होटल में रहने के लिए बाध्य किया था.

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‘बेटियों की फीस तक नहीं भरी’

उन्होंने कहा कि साल 2019 में मुंबई और पुणे जाने की जानकारी नीतीश को दी गई, उन्होंने कोई उत्तर नहीं दिया. जोर देने पर उन्होंने पुणे में मिलने से बचने के लिए बीमारी का बहाना किया, फिर मैं बच्चियों के साथ मुंबई चली गई. स्मिता ने कहा कि जून 2023 में वीडियो कॉल के दौरान बच्चियों ने उनसे भोपाल आने की इच्छा जताई तो उन्होंने कहा कि व्यस्त हैं. फोन पर बातचीत के दौरान नीतीश बेटियों की बातचीत रिकॉर्ड करते थे. स्मिता ने कहा कि बच्चियों की जन्म के बाद पिता ने उनके पालन-पोषण के खर्च के लिए कोई व्यक्ति योगदान नहीं किया. उन्होंने ना तो स्कूल की फीस भरी, ना ही किसी गतिविधियों में सहायक रहे.

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