साल में सिर्फ 12 घंटे के लिए खुलता है ये एक मात्र शिवालय, MP के इस मंदिर की अनोखी है मान्यता

Mahashivratri 2025: मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित सोमेश्वर धाम मंदिर साल भर में सिर्फ महाशिवरात्रि के मौके पर 12 घंटे के लिए खुलता है. इस मंदिर को लेकर अनोखी मान्यता है.
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सोमेश्वर धाम मंदिर

Mahashivratri 2025 (विजय सिंह राठौर): मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित सोमेश्वर धाम शिव मंदिर देश का ऐसा शिवालय है, जो साल में एक बार वो भी सिर्फ 12 घंटे के लिए खुलता है. महाशिवरात्रि के मौके पर खुलने वाले इस मंदिर में हर साल बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु प्रार्थना करने के लिए आते हैं. यहां भोलेनाथ का अभिषेक और पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लेते हैं. इस मंदिर को लेकर अनोखी मान्यता है.

अनूठा मंदिर, जो साल में सिर्फ 12 घंटे के लिए खुलता है

मध्य प्रदेश के रायसेन जिला स्थित सोमेश्वर धाम शिव मंदिर साल में सिर्फ एक बार खुलता है. यह मंदिर महाशिवरात्रि के मौके पर 12 घंटे के लिए ही खुलता है. पुरात्तव विभाग के नियमों के तहत सुबह 6 बजे सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजे सूर्यास्त तक के लिए ही मंदिर प्रांगण के ताले खोले जाते हैं.

सोने की तरह जगमगाता है मंदिर

करीब 12वीं सदी में बने इस प्राचीन मंदिर के दरवाजे (पट) साल में केवल एक बार महाशिवरात्रि के दिन ही खुलते हैं. इस शिव मंदिर की खासियत यह है कि सुबह उगते सूर्य की किरणें जैसे ही मंदिर पर पड़ती है, पूरा मंदिर सोने की चमक की तरह जगमगा जाता है. महाशिवरात्रि के पर्व पर सुबह 4 बजे से ही बड़ी संख्या श्रृद्धालुओं का तांता शिव मंदिर में पहुंचना प्रारंभ कर देता है.

जन आंदोलन से हुई थी हुई थी शुरुआत

कहा जाता है कि रायसेन के इस अनोखे मेले की शुरुआत एक जन आंदोलन से हुई थी. तभी से यहां हर साल महाशिवरात्रि के अवसर पर केवल 12 घंटे के लिए मंदिर के गेट खोले जाते हैं. समय अभाव के चलते लोग सुबह 5 से ही यहां दर्शन के लिए आ जाते हैं और दिनभर पूरे नगर का माहौल शिवमय हो जाता है.

रायसेन किला पर विशाल मेला

महाशिवरात्रि के मौके पर जब सोमेश्वर धाम शिव मंदिर खुलता है तब रायसेन किले पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है. प्रशासन की देखरेख में यहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं.

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इस शिव मंदिर में भगवान गणेश, कार्तिकेय और भगवान नंदी की मूर्तियों की स्थापत्य कला इसकी प्राचीनता को दर्शाती हैं. हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर यहां करीब 50 हजार श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

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