इटारसी-भोपाल और बीना के बीच चौथी रेल लाइन प्रोजेक्ट को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, दिल्ली-चेन्नई का सफर होेगा आसान
इटारसी-भोपाल और बीना रेल लाइन
MP News: केंद्रीय कैबिनेट ने इटारसी – भोपाल और बीना के लिए चौथी रेल लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस रेल लाइन के बनने के बाद यात्रियों को दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद के बीच यात्रा का सुगम अनुभव मिलेगा. साथ ही इसके माध्यम से सांची और भीमबेटका जैसे यूनेस्को स्थलों तक भी पहुंचना आसान होगा.
इटारसी–भोपाल–बीना चौथी रेल लाइन परियोजना को केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी। इससे यात्रियों को दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद के बीच सुगम यात्रा का अनुभव मिलेगा। साथ ही सांची और भीमबेटका जैसे यूनेस्को स्थलों तक पहुंच आसान होगी।#NayiPatriNayiRaftaar #CabinetDecisions pic.twitter.com/wYC9nc3lCG
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) October 7, 2025
4 नई परियोजनाओं को मिली मंजूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में देश की 24,634 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी मिली है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बैठक में 4 नई रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.
ये भी पढे़ं- Bhopal Guwahati Flight: भोपाल-गुवाहाटी के बीच जल्द शुरू होगी सीधी फ्लाइट, अब एक दिन में होंगे मां कामाख्या के दर्शन
मध्य प्रदेश में परियोजनाओं का विस्तार
इन परियोजनाओं में मध्य प्रदेश के इटारसी–भोपाल–बीना रूट पर 237 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन और गुजरात व मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले वडोदरा–रतलाम रूट पर 259 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन का निर्माण शामिल है.
4 राज्यों के 18 जिलों को कवर करेंगी ये लाइन – रेल मंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों को कवर करेंगी. उन्होंने कहा कि देश के सात प्रमुख रेलवे कॉरिडोर वर्तमान में कुल रेलवे यातायात का करीब 41% संभालते हैं, और इन परियोजनाओं के पूरा होने से इन कॉरिडोर की क्षमता और कनेक्टिविटी दोनों में बड़ा सुधार होगा.
वैष्णव ने आगे कहा कि इन प्रोजेक्ट्स से रेल संचालन की दक्षता बढ़ेगी, ट्रेनों की भीड़ घटेगी, यात्रा समय में कमी आएगी और रेलवे सेवाओं की विश्वसनीयता में सुधार होगा. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि इन कॉरिडोर में कम से कम चार लाइनें बनाई जाएं और जहां आवश्यकता हो, वहां छह लाइनें तक बिछाई जाएंगी.