विदिशा में मोबाइल सिग्नल बना पलायन की वजह, तीन सालों में 50 परिवारों ने गांव छोड़ा, जानें क्या है मामला
नो नेटवर्क (प्रतीकात्मक तस्वीर)
MP News: डिजिटल क्रांति के युग में क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक ऐसा गांव है, जहां मोबाइल सिग्नल की वजह से पलायन हो रहा है. सुनने में भले ही ये खबर चौंकाने वाली लगे, लेकिन ये सच है. जिले के मोहम्मदगढ़ गांव से लोग मोबाइल सिग्नल से परेशान गांव छोड़कर जा रहे हैं. गांव में मोबाइल टावर तो लगे हुए हैं लेकिन नेटवर्क नहीं आता है.
तीन सालों में 50 परिवारों ने छोड़ा गांव
विदिशा जिले से 80 किमी दूर स्थित इस मोहम्मदगढ़ गांव की आबादी तीन हजार है. जैसे ही गांव में लोग आते हैं तो मोबाइल नेटवर्क गायब हो जाता है. किसी व्यक्ति से कॉल पर बात करनी हो या जरूरी सूचना देनी हो तो ग्रामीणों को गांव से डेढ़ से दो किमी दूर जाना पड़ता है. गांव में सर्विस प्रोवाइडर कंपनी बीएसएनएल का मोबाइल टावर भी लगा हुआ है लेकिन सिग्नल नहीं आते हैं. कभी-कभार नेटवर्क आता है, लेकिन पूरे दिन नहीं रहता है. इस वजह से लोगों की खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कई सारी परेशानियों के कारण पिछले तीन सालों में 50 परिवारों ने गांव छोड़ दिया है.
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बच्चों की पढ़ाई में भी हो रही परेशानी
मोबाइल नेटवर्क ना होने से ग्रामीणों को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक सरपंच सरिता बाई वाल्मीकि ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित हुई, इसके साथ ही ऑनलाइन क्लासेस में भी समस्या आती है. नौकरी की सूचनाएं समय पर नहीं मिल पाती थी. गांव से बाहर गए परिजनों से भी बात संभव नहीं हो पाती है. वहीं बीएसएनएल के एजीएम राकेश रंजन का कहना है कि क्षेत्र में 2जी और 3जी नेटवर्क है. सिग्नल ना मिलने की जांच करवाई जाएगी.