Madhya Pradesh: एमपी के इस जिले में 15 दिनों से छाया अंधेरा! बिजली-पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण
Madhya Pradesh: मुरैना जिले के 12 से ज्यादा गांवों में पिछले 15 दिनों से बिजली की सप्लाई बंद है. बिजली गायब होने की वजह से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. कई बार शिकायत करने के बाद भी जब ग्रामीणों की सुनवाई नहीं हुई तो बड़ी संख्या में ग्रामीण खुद ही बिजली विभाग के ऑफिस पहुंच गए. यहां अपनी पेरशानी के बारे में बताया, जिसके बाद उन्हें जल्द से जल्द निराकरण की बात कही गई है.
15 दिन से नहीं है बिजली
मामला मुरैना जिले के सुमावली विधानसभा क्षेत्र का है. यहां के 12 से ज्यादा गांवों में 15 दिन से बिजली गायब है. किसान सिंचाई के पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. कई शिकायतों के बावजूद जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीण जिला मुख्यालय स्थित बिजली विभाग के ऑफिस पहुंचे. यहां ग्रामीणों को कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं मिला, जिसके बाद एक सुपरवाइजर ने अधिकारी से बातचीत कर ग्रामीणों को समस्या का निराकरण की बात कही.
25 अक्टूबर से गायब है बिजली
ग्रामीणों ने बताया कि सुमावली विधानसभा क्षेत्र के नूरपुर गांव, हथियरा गांव, राजघाट का पुरा, रमेश का पुरा, राजेंद्र का पुरा, भरत सिंह का पुरा, भूरे सिंह का पुरा, बाबू का पुरा, पीतम का पुरा, हकीम का पुरा सहित अन्य गांवों में करीब 15 दिनों से बिजली नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि 25 अक्टूबर से उनके गांव से बिजली गायब है.
ये भी पढ़ें- Madhya Pradesh: छतरपुर में खाद वितरण को लेकर जमकर हंगामा, मारपीट भी, किसानों को आई चोट
क्या है कारण
जानकारी के मुताबिक इसका मुख्य कारण यह है कि उनके गांव में बडोना हवेली की लाइन आई है, जो रेलवे लाइन के नीचे से केवल निकली हुई है. उनके गांव को मैना वसई फीडर से जोड़ दिया गया है, जो काफी बड़ा क्षेत्र है. यहां जो तार लगे हुए हैं, वह अधिक लोड होने के कारण उस क्षेत्र के ग्रामीण हटा देते हैं, जिससे उनके गांव की सप्लाई बंद हो जाती है. इस कारण पिछले 15 दिन से इन गांवों के ग्रामीण बिजली के लिए परेशान हैं.
सिंचााई के लिए पानी की जरूरत
ग्रामीणों ने बताया कि इस समय सरसों और गेहूं की बुवाई का काम चल रहा है, जिस कारण पानी की ज्यादा जरूरत है. लेकिन कई बार विद्युत विभाग को शिकायत करने के बाद भी इस समस्या का निराकरण नहीं हुआ. ऐसे में परेशान ग्रामीण पुराना बस स्टैंड स्थित बिजली विभाग के ऑफिस पहुंचे और वहां नारेबाजी करने लगे. हालंकि, किसानों को मौके पर कोई अधिकारी नहीं मिला, जिस कारण एक सुपरवाइजर से ग्रामीणों ने अपनी बात रखी और उन्होंने अधिकारियों से बातचीत कर ग्रामीणों को सोमवार तक समस्या का निराकरण करने की बात कही.