दोस्ती हो तो ऐसी… जिगरी की आखिरी इच्छा पूरी करने अंतिम संस्कार पर जमकर नाचा दोस्त, बैंड-बाजे के साथ उठी अर्थी

Morena News: मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में दोस्ती की अनोखी मिसाल देखने को मिली. यहां अपने जिगरी की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए उसकी अंतिम यात्रा पर एक शख्स ने जमकर डांस किया.
morena_dosti

दोस्ती हो तो ऐसी...

Morena News: दोस्ती इस दुनिया में एक ऐसा रिश्ता है, जिसमें आप अपने जिगरी के सिर्फ दोस्त नहीं बल्कि परिस्थिति के मुताबिक कभी मां, कभी पिता, कभी भाई तो कभी बहन बनकर हर कदम में उसका साथ निभाते हैं. दोस्ती निभाने के लिए कई बार ऐसे काम भी करते हैं, जो शायद औरों को अटपटे लगे. लेकिन वो दोस्ती ही क्या जिसमें पागलपन न हो… ऐसा ही कुछ देखने को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में देखने को मिला. यहां एक शख्स ने अपनी जिगरी यार की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए बैंड-बाजा के साथ उसकी न सिर्फ अर्थी उठवाई बल्कि उसकी अंतिम यात्रा पर जमकर थिरका भी.

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक व्यक्ति ने अपने 71 साल के घनिष्ठ दोस्त की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए उसकी शव यात्रा में गाजे-बाजे के साथ नम आंखों से नाचकर उसे विदाई दी. यह भावुक घटना मंदसौर के जवासिया गांव की है, जहां अंबालाल प्रजापति ने गमगीन माहौल में अपने जिगरी दोस्त सोहनलाल जैन को नाचते हुए अंतिम विदाई दी. इस घटना का वीडियो और सोहनलाल द्वारा लिखा गया पत्र सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जा रहा है. लोग इसे दोस्ती की अनूठी मिसाल बता रहे हैं.

‘मैं मर जाऊं तो रोना मत…’

अंबालाल प्रजापति (51) ने एक न्यूज एजेंसी से वीडियो वायरल होने के बाद फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि सोहनलाल दो साल पहले कैंसर से पीड़ित हो गए थे. उन्होंने रतलाम, मंदसौर से लेकर अहमदाबाद तक इलाज करवाया, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गए. उन्होंने कहा कि वह और सोहनलाल एक-दूसरे के सबसे अच्छे दोस्त थे और गांव की प्रभात फेरी में साथ शामिल होने से उनका रिश्ता और गहरा हो गया था.

ये भी पढ़ें- प्रज्ञा ठाकुर को राहत, कोर्ट के फैसले पर ‘टिप्पणी’ से बचे कमलनाथ, रामेश्वर शर्मा बोले- ‘हिंदू न कभी आतंकवादी था, न है और न रहेगा…’

सोहनलाल उनसे अक्सर कहते थे कि उनकी मृत्यु पर रोना-धोना मत, बल्कि अंतिम यात्रा में नाचना. ऐसे में अपने दोस्त की इच्छा पूरी करने के लिए उन्होंने उसकी अंतिम यात्रा में जमकर डांस किया.

ज़रूर पढ़ें