MP Cabinet Meeting: अब उद्योगों को मिलेगी 200 करोड़ की सहायता राशि, 20 लाख नौकरी के लिए बदली गई कई पॉलिसी
MP Cabinet Meeting: अब उद्योगों को मिलेगी 200 करोड़ की सहायता राशि
MP Cabinet Meeting: मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) की अध्यक्षता में मंत्रालय में कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) हुई. इस मीटिंग में डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, सचिव अनुराग जैन समेत अलग-अलग विभागों के कैबिनेट मंत्री शामिल हुए. इस बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए. कैबिनेट मीटिंग में लिए गए निर्णयों की जानकारी कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ये कैबिनेट बैठक ऐतिहासिक रही. मध्य प्रदेश के इतिहास में एक साथ इतनी पॉलिसी जो कि निवेश को आकर्षित करती है. प्रदेश के नौजवानों को लेकर सरकार प्रयास कर रही है. 30 साल के राजनीतिक कैरियर में शायद पहली बार इतनी पॉलिसी एक साथ आई है.
पीएम कैंसर अस्पताल का उद्घाटन करेंगे
कैबिनेट मंत्री ने जानकारी देते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के उद्घाटन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी भोपाल आएंगे. प्रधानमंत्री छतरपुर भी जाएंगे. इसके साथ ही यहां पीएम कैंसर अस्पताल का उद्घाटन करेंगे.
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‘विकसित प्रदेश बनाना लक्ष्य’
विजयवर्गीय ने कहा कि उद्योगपतियों से चर्चा करने में क्या-क्या दिक्कत आती है. सरकार ने इस विषय पर भी चर्चा की है. अभी जो दिक्कत हैं, उसे हम सुविधा में बदलने का काम कर रहे हैं. प्रदेश की जीडीपी बढ़ाना है तो उद्योग को बढ़ावा देना होगा और अर्थव्यवस्था बढ़ानी पड़ेगी. मध्य प्रदेश की आर्थिक समृद्धि को विकसित प्रदेश में बदलना है.
उन्होंने आगे कहा कि पूरे मध्य प्रदेश के अंदर क्षेत्रीय इन्वेस्टर मीट की हैं. पूरे प्रदेश भर में विकास करने के लिए यह सरकार ने प्रयास कर रही है. उद्योग के लिए भूमि आवंटन और उसकी पारदर्शिता के साथ नीति को बनाया गया है.
बैठक में ये निर्णय लिए गए
- 20 लाख से ज्यादा मध्य प्रदेश के नौजवानों को रोजगार मिल सके. इसके लिए कई सारे विभागों में पॉलिसी बदलाव किया गया.
- खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में आय बढ़ने के साथ-साथ सब्सिडी मिले इसलिए इसे कृषि क्षेत्र में शामिल किया गया.
- टेक्सटाइल, परिवहन, फुटवियर, खिलौना उद्योग के लिए प्रयास किया जा रहा है.
4.एयरोस्पेस और रक्षा को भी निवेश में शामिल किया गया है. रक्षा के उत्पादन की नीति बनाई जाएगी. - बायो टेक्नोलॉजी सेक्टर में रिसर्च और विकासात्मक कार्यों पर फोकस किया जाएगा.
- उद्योगों के लिए अधिकतम सहायता राशि 150 करोड़ से बढ़ाकर 200 करोड़ रुपये किया गया.
- पहली बार FDI को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी बनाई है. यह पहली बार हो रहा है. अभी किसी राज्य में सीधे फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट नहीं आता है.