‘महाराज आपसे निवेदन है, कुछ मजबूरियां होगी लेकिन…’ भरे मंच पर ऊर्जा मंत्री ने Jyotiraditya Scindia से की विनती
ऊर्जा मंत्री प्रधुम्न सिंह तोमर ने की बड़ी मांग
MP News: अपने अलग-अलग अंदाज को लेकर चर्चाओं में बने रहने वाले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Minister Pradhuman Singh Tomar) एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने भरे मंच से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) से बड़ी मांग कर दी है.
‘महाराज आपसे निवेदन है…’
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंच से कहा-‘प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और PM नरेंद्र मोदी को मिलकर ग्वालियर-चंबल संभाग के लिए चिंता करनी होगी. हम जानते हैं, जो आपके अंदर दर्द पीड़ा है वह किसी से छिपी नहीं है. मेट्रो रेल अब चल रही है, लेकिन 1950 में भी ग्वालियर में रेल चलती थी. जब मध्य भारत हुआ करता था, तब ग्वालियर चार महानगर में सबसे बड़ी औद्योगिक नगरी थी, लेकिन महाराज अब ग्वालियर पीछे जा रहा है. महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) आपसे निवेदन है, विनती है, कुछ मजबूरियां होंगी, लेकिन आगे आना होगा. आज ग्वालियर पीछे जा रहा है. ग्वालियर को फिर से आगे लाने के लिए महाराज को सीमा लांघना होगा.’
वीडियो ग्वालियर के विजया राजे सिंधिया कन्या महाविद्यालय का है. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचे. इस कार्यक्रम के मंच में BJP के नेता और सिंधिया के करीबी कार्यकर्ता नजर आए.
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ग्वालियर में गुटबाजी हावी
ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर की बयान से स्पष्ट हो गया है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में इस समय गुटबाजी बहुत हावी है. ये गुटबाजी केंद्रीय सिंधिया और ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाहा के बीच है. ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से सांसद और केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन उन्हें बार-बार ग्वालियर के विकास की चिंता करने बात कही जा रही है, जबकि BJP के भारत सिंह कुशवाह ग्वालियर से लोकसभा के सांसद हैं. गुटबाजी के कारण ही दोनों एक-दूसरे के कार्यक्रम में लंबे समय से नहीं जा रहे हैं और ग्वालियर में सिंधिया की सक्रियता भी यहां के सांसद को पसंद नहीं आ रही, लेकिन सिंधिया ग्वालियर में अपनी सक्रियता और मौजूदगी हमेशा चाहते हैं इसलिए ग्वालियर में सिंधिया की कम मौजूदगी कहीं ना कहीं उनके समर्थक मंत्रियों को भी परेशान कर रही है.