रीवा में 16 साल के बच्चे के गले से निकली 1 किलो से ज्यादा की गांठ, 11 घंटे चली सर्जरी
16 वर्षीय साहिल खान
MP News: रीवा के मिनर्वा द मेडिसिटी हॉस्पिटल में एक बड़ा मेडिकल चमत्कार हुआ है. यहां 16 वर्षीय साहिल खान नामक युवक के गले से 1 किलो थायराइड निकला गया गया है, कमजोर दिल और मात्र 30% हार्ट पंपिंग के बावजूद 11 घंटे की संघर्षपूर्ण सर्जरी के चलते हो पाया है, दरअसल रीवा शहर के बिछिया निवासी 16 वर्षीय साहिल खान जन्मजात थायरॉयड की गंभीर बीमारी से पीड़ित थे. गले और छाती तक फैली लगभग 1 किलो वज़नी थायराइड ग्रंथि के कारण वे सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हो गए थे. परिवार इलाज के लिए कई बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कहीं से राहत नही मिली. किसी ने भर्ती तक नहीं किया, तो किसी ने इलाज से साफ इनकार कर दिया. हालात इतने गंभीर हो गए कि परिवार की सारी उम्मीदें टूटने लगीं.
इसी बीच साहिल को मिनर्वा द मेडिसिटी हॉस्पिटल, रीवा लाया गया. यहाँ उनकी गंभीर स्थिति का मूल्यांकन किया गया और यह तय किया गया कि साहिल की जान बचाने के लिए सर्जरी ही एकमात्र विकल्प है. इस जटिल सर्जरी को प्लास्टिक सर्जन डॉ. सिद्धार्थ सिंह और मिनर्वा हॉस्पिटल के एनेस्थीसिया विभाग के हेड डॉ. अभिषेक मिंज ने मिनर्वा की क्रिटिकल टीम के साथ मिलकर सफलतापूर्वक अंजाम दिया.
11 घंटे में असंभव हुआ संभव
सर्जरी को और भी चुनौतीपूर्ण बनाने वाली सबसे बड़ी वजह यह थी कि मरीज का दिल बेहद कमजोर था, और उसकी हार्ट पंपिंग मात्र 30% रह गई थी. इतनी नाजुक स्थिति में 11 घंटे लंबी सर्जरी करना किसी भी टीम के लिए बड़ा जोखिम था, क्योंकि ज़रा सी लापरवाही मरीज की जान ले सकती थी. लेकिन डॉक्टरों ने साहस और विशेषज्ञता दिखाते हुए इस असंभव लगने वाले ऑपरेशन को भी सफल बना दिया.
आयुष्मान कार्ड का भी मिला लाभ
इस इलाज में एक खास बात यह रही कि साहिल का पूरा इलाज आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत हुआ. परिजनों को एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ा और मिनर्वा द मेडिसिटी हॉस्पिटल ने पूरे समर्पण के साथ इस कठिन सर्जरी को मुफ्त में पूरा किया. मिनर्वा हॉस्पिटल का मानना है कि हर सफल सर्जरी के पीछे डॉ. शिरीष मिश्रा और डॉ. धर्मेश पटेल का मजबूत नेतृत्व और गाइडेंस अहम भूमिका निभाता है. उनकी सूझबूझ और रणनीतिक दिशा-निर्देशों की वजह से ही इतनी जटिल परिस्थितियों में भी मरीज को नया जीवन दिया जा सका. आज साहिल पहले से कहीं अधिक स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन की ओर लौट रहे हैं. परिजनों ने भावुक होकर कहा कि रीवा में इस तरह की जटिल सर्जरी संभव नहीं थी. लेकिन मिनर्वा द मेडिसिटी और यहां की डॉक्टर टीम ने असंभव को संभव किया. और सबसे बड़ी राहत यह है कि आयुष्मान कार्ड की वजह से हमें इलाज पर एक भी रुपया खर्च नहीं करना पड़ा.
इस उपलब्धि से अब विंध्य क्षेत्र के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर जाने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत यहां मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है. साथ ही यहाँ आयुष्मान कार्ड योजना के अंतर्गत निःशुल्क कार्डियक एवं प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा भी उपलब्ध है.