क्यों इंदौर में 3 साल की बच्ची ने कर दिया दुनिया में सबसे कम उम्र में देह त्याग, आखिर क्या है संथारा प्रथा?

MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में 3 साल की बच्ची ने देह त्याग दिया है. उसके नाम दुनिया में सबसे कम उम्र में देह त्याग करने का रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. जानिए बच्ची ने ऐसा क्यों किया और संथारा प्रथा क्या है?
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3 साल की बच्ची ने लिया संथारा

MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में एक 3 साल की बच्ची ने उस मां की गोद में अपना देह त्याग दिया, जिसने उसे जन्म दिया था. बच्ची के माता-पिता रूढ़िवादी या अनपढ़ नहीं थे, बल्कि दोनों IT प्रोफेशनल यानी सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. इसके बाद बच्ची ने अपनी देह का त्याग कर दिया. इसके साथ ही बच्ची ने संथारा प्रथा के तहत सबसे कम उम्र में शरीर त्यागने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बना लिया है. जानें पूरा मामला-

3 साल की बच्ची ने किया देह त्याग

3 साल की वियाना जैन ब्रेन ट्यूमर की खतरनाक बीमारी से ग्रसित थी. मुंबई के लीलावती अस्पताल में उसका ऑपरेशन करवाया गया था. उसके बाद वह ठीक भी हो गई थी, लेकिन बाद में उसका ट्यूमर और अधिक बढ़ गया, जिसका इलाज भी जारी था. इस बीच जब परिवार वियाना को लेकर गुरुदेव के पास पहुंचा तो वहां उसकी हालत देखकर गुरुदेव ने उसका संथारा करवाया, जिसमें वियाना ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया.

10 मिनट में तोड़ दिया दम

वियाना के माता-पिता दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने इतना बड़ा फैसला लिया. 21 मार्च को वियाना के माता-पिता उसकी इच्छा पर गुरुदेव से मिलने पहुंचे थे. वहां उसकी हालत देखकर जैन मुनि राजेश महाराज ने कह दिया था कि उसका आज रात निकालना भी मुश्किल लग रहा है. यह सुनकर माता-पिता और अन्य परिजन हैरान हो गए. फिर जैन मुनि ने ही उसका संथारा करने की बात कही, जिस पर माता-पिता ने अन्य परिजनों से अनुमति लेकर संथारा की सहमति दे दी. इसके बाद गुरुदेव के आदेश पर वियाना अपनी मां की गोद में हाथ जोड़कर बैठ गई और राजेश मुनि साहब ने मंत्रों का उच्चारण शुरू किया, जिसके 10 मिनट में वियाना ने मोक्ष की प्राप्ति कर ली.

क्या है संथारा प्रथा?

संथारा प्रथा जैन समाज की एक ऐसी प्रथा है, जिसमें व्यक्ति को जब लगता है कि अब उसका शरीर काम का नहीं है तो वह स्वेच्छा से शरीर त्याग देता है. इस प्रथा के तहत शख्स धीरे-धीरे भोजन और पानी का त्याग करके मृत्यु को गले लगाता है.

गोल्ड बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

संथारा प्रथा में अपना शरीर त्यागने वाली वियाना जैन दुनिया की सबसे कम उम्र की इंसान है. इस वजह से उसके शरीर त्यागने के बाद उसका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है. वियाना के पिता पीयूष जैन के मुताबिक उनके गुरुदेव राजेश मुनि ने संथारा में पीएचडी की है. वह वियाना के पहले 107 लोगो का संथारा करवा चुके हैं. वियाना का नंबर 108वां है, इस वजह से वह और भी खास हो जाती है.

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24 तीर्थंकर के नाम थे याद

वियाना खुद अपने धर्म के प्रति अत्यधिक जागरूक थी. उसे जैन धर्म के सभी 24 तीर्थंकर के नाम याद थे. साथ ही 23 देशों के भी नाम याद थे. वह बाहर का खाना बिल्कुल पसंद नहीं करती थी. गुरुदेव द्वारा उसे जो भी संकल्प दिलाया जाता था, वह पूरा करती थी. उसके शरीर त्यागने के बाद अंतिम संस्कार के लिए उसके कपड़े से लेकर हर वस्तु राजेश मुनि द्वारा ही दी गई थी. इस वजह से परिवार को उसके मोक्ष प्राप्त होने की और अधिक खुशी है. अब वियाना खुद जैन समाज की संथारा प्रथा का बड़ा उदाहरण बन गई है.

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