MP News: एमपी के जंगलों में तैनात होंगे 500 वनवीर, वन्य प्राणियों को तस्करों से बचाएंगे, जानें मोहन सरकार का क्या है पूरा प्लान
MP News: केंद्र सरकार देश की सीमाओं पर सुरक्षा के लिए अग्निवीरों की तैनाती कर रही है. उसकी तर्ज पर मध्य प्रदेश में अब वनवीर की तैनाती होगी, जो जंगलों में वन्य प्राणियों की रक्षा करेंगे. फिलहाल मोहन सरकार 500 वनवीरों की भर्ती करने को तैयार है. यह भर्ती पांच साल के लिए होगी. अग्निवीरों की तरह इसें भी बेहतर प्रदर्शन करने वाले लोगों को आगे नौकरी में रखा जाएगा. मौजूदा नियम के अनुसार, 30 प्रतिशत वनवीरों को नियमित नियुक्ति दी जाएगी. बाकियों को तय सीमा के बाद अपनी सेवा से मुक्त कर दिया जाएगा.
वनवीरों की क्यों जरूरत?
मध्यप्रदेश में क्षेत्रफल के हिसाब से भारत के सबसे ज्यादा जंगल है. इसको इस हिसाब से समझ सकते हैं कि प्रदेश का कुल क्षेत्रफल का एक चौथाई केवल वन क्षेत्र ही है. यही कारण है कि एमपी टाइगर स्टेट है और यहीं पर चीता को फिर से बसाया गया है, लेकिन इनको तस्करी से बचाना भी चुनौती है. जिसके लिए वनवीरों की भर्ती होगी.
चुनाव से पहले होगी भर्ती
लोकसभा चुनाव से पहले ही वनवीरों की भर्ती होगी. इन्हें 15 से 20 हजार रुपये का मासिक वेतन दिया जाएगा. जिसमें न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10 वीं या 12 वीं पास रखी जाएगी. इसमें शारीरिक मापदंड को भी चेक किया जाएगा. यह भर्ती हर साल होगी. इनकी उम्र 18 से 21 साल के बीच होगी. इसके लिए वन विभाग भर्ती फॉरेस्ट गार्ड से अलग एक नया कैडर होगा.
शिवराज सरकार में बनी थी योजना
मध्य प्रदेश में बाघों की रक्षा के लिए अग्निवीर बनाने की योजना पिछले साल अप्रैल में शिवराज सरकार के दौरान बनी थी, जिसमें नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के आसपास रहने वाले युवक का चयन किया जाना प्रस्तावित था. इस योजना के तहत शिवराज सरकार ने हर साल 700 से 1000 भर्तियां करने की तैयारी की थी. वेतन उस वक्त 25 हजार रुपए प्रतिमाह देना भी तय किया जा रहा था. पांच साल बाद इनमें से 25 से 50 फीसदी वनवीरों को स्थायी फॉरेस्ट गार्ड चुना जाना था. हालांकि अब मोहन सरकार ने इसमें बदलाव कर दिए है.
इनको मिलेगी प्राथमिकता
वनवीरों की भर्ती में प्राथमिकता स्थानीय आदिवासी युवाओं और ग्रामीणों को दी जाएगी. दरअसल ये गांव के जंगलों के बारें में अच्छे से जानते हैं. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में वन रक्षक के कुल 20 हजार 670 पद है. जिन में से 16,हजार 875 पद ही भरे हैं. जबकि 3 हजार 795 पद खाली हैं