MP News: ह्रदय रोग से पीड़ित 9 साल की मिस्टी, जाना चाहती है स्कूल
चितरंजन नेरकर-
MP News: बालाघाट से लगभग 15 किमी दूर रजेगांव के रहने वाले संतोष शेंडे की 9 साल की बच्ची मिस्टी शेंडे हार्ट पेशेंट है इस बच्ची के परिजनों के द्वारा हर संभव इलाज करवाया गया है लेकिन उसकी इस गंभीर बिमारी का कोई तोड़ अब तक नहीं निकल पाया है. मिस्टी का हार्ट का इलाज लंबे समय से चल रहा जिसके चलते बच्ची की उम्र 9 वर्ष की हो गई और अब मिष्टी स्कूल जाना चाहती. मिस्टी का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने भी बच्ची के ठीक होने की उम्मीद मानों छोड़ सी दी है. अब इसे में बच्ची के माता पिता बच्ची की आखरी इच्छा को पूरी करने के लिए सरकारी स्कूल के चक्कर लगा रहे है. लेकिन स्कूल प्रबंधक के द्वारा यह कह कर एडमिशन लेने से मना कर दी जा रहा है कि मिस्टी की उम्र अधिक हो चुकी है ऐसे में पहली में प्रवेश उसे नहीं दिया जा सकता है. जिससे परेशान होकर बच्ची के माता पिता ने मंगलवार जनसुनवाई में मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से गुहार लगाई है कि कम से कम वह बच्ची की आखरी इच्छा पूरी करने में उनकी मदद करें.
माता पिता ने इलाज में नहीं की कोई कमी
आपको बता दें कि जब से बच्ची का जन्म हुआ है तब से वह बीमार सी रहती है जिसके चलते उसके माता पिता काफी परेशान चल रहे है. बीमारी के इलाज में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं छोड़े लेकिन बच्ची के माता पिता की हिम्मत देखिए कि डॉक्टरों के द्वारा जब उन्हें जवाब दिया गया कि बच्ची के ठीक होने की उम्मीद कम नजर आ रही है उसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारे और अंतिम तक प्रयास कर रहे है.
हार्ट पेशेंट बच्ची ने जाहिर की स्कूल जाने की इच्छा
हार्ट जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही मिस्टी ने अपनी अंतिम इच्छा स्कूल जाने की बताई है. मिस्टी का लगातार हार्ट का इलाज चल रहा है जिसके चलते वे 9 साल की हो गई फिर भी आज तक स्कूल नहीं गई ऐसे में दूसरे बच्चों को स्कूल जाता देख उसके भी मन ने स्कूल जाने की इच्छा जागी. वे लगातार अपने माता पिता से स्कूल जाने की जिद करती रहती है जिसे पूरा करने के लिए माता पिता स्कूल के चक्कर लगा रहे है. लेकिन उम्र अधिक होने के कारण पहली में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है और उम्र के आधार पर भी प्रवेश नहीं दिया जा रहा है जिसके चलते माता पिता काफी निराश नजर आ रहे है.
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कलेक्टर ने दिया आश्वासन
वहीं मंगलवार को जनसुनवाई में अपनी परेशानी व बच्ची की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए पहुंचे माता ने कलेक्टर डॉ. गिरिश कुमार मिश्रा से जनसुनवाई के माध्यम से मुलाकात की और सारी परेशानियों से बताई जहां कलेक्टर के द्वारा बच्ची की अंतिम इच्छा को पुरा करने में मदद करने का आश्वासन दिया है और बच्ची को स्कूल में प्रवेश दिलाने की भी बात कहीं है.
स्कूल जाने रोती है मासूम बच्ची
वहीं चर्चा के दौरान बच्ची के माता पिता ने अपनी नम आंखों से जानकारी देते हुए कहा है कि बच्ची के पास कितने दिन है वह तो कह नहीं सकतें फिर भी बच्ची स्कूल जाने की जिद्द करती है और स्कूल जाने के लिए रोती है, लेकिन हम बच्ची को स्कूल में प्रवेश नहीं दिला पा रहे है जो हमारे लिए काफी चिंता का विषय है. वहीं आगे की जानकारी में कहा कि बच्ची के जन्म होने के बाद से उसका इलाज करवा रहे है. जिसके चलते उसकी पहली में प्रवेश की उम्र निकल गई और लगभग 1 वर्ष से उसके स्वास्थ्य में सुधार आया है जब तक उसकी उम्र 9 वर्ष की हो गई है.