MP News: भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्तों को मिले प्रभार, देखें किसे क्या मिला

MP News: पिछले दिनों नगर निगम परिषद की बैठक हुई थी. इस दौरान भी कई पार्षदों ने अधिकारियों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए थे.
Additional Commissioners have got the charge in Bhopal Municipal Corporation.

भोपाल नगर निगम में अपर आयुक्तों को प्रभार मिल गए हैं.

MP News: आखिरकार नगर निगम के अपर आयुक्तों में विभागों का कार्य विभाजन हो गया. निगम प्रशासन ने सभी अपर आयुक्तों के बीच अलग-अलग विभाग की जिम्मेदारी सौंप दी है. एडीसी टीना यादव से जीएडी और हेल्थ लेकर दूसरे अपर आयुक्तों को दिया है. वहीं अपर आयुक्त हर्षित तिवारी को ट्रांसपोर्ट, होर्डिंग-पार्किंग जैसे काम का आवंटन हुआ है.

एक सप्ताह से विभाग की प्रतिक्षा में बैठे वरुण अवस्थी को जीएडी जैसी जिम्मेदारी दी है. इसके बाद निगम प्रशासन ने सभी 7 अपर आयुक्तों को विभागों का आवंटन कर दिया है. निगम कमिश्नर हरेन्द्र नारायन ने इसके आदेश जारी किए. आदेश के मुताबिक आईएएस अफसर निधि सिंह को रैवेन्यू, वॉटर सप्लाई, एचएफए, जनसंपर्क, सीएम इंफ्रा, सिविल, सीईओ बीसीएलएल और दक्षिण-पश्चिम विधानसभा का नोडल अधिकारी बनाया है। वहीं टीना यादव को एनयूएलएम, डीजल टैंक, सेंट्रल स्टोर, लॉ सेक्शन, शिक्षा उपकर के निर्माण, जन्म-मृत्यु, विवाह, जन सुनवाई, निर्वाचन, जनगणना, बिल्डिंग परमिशन, अवैध कॉलोनी सेल और नरेला विधानसभा का नोडल बनाया है.

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साथ ही वरुण अवस्थी को जीएडी, पेंशन, फायर, डिजास्टर, सीवेज, अतिक्रमण और मध्य विधानसभा का नोडल. इसी तरह रणवीर कुमार को लाईटिंग, योजनाएं, सीएम तीर्थ दर्शन, विवाह योजना, परियोजना, वेस्टनरी और उत्तर विधानसभ का नोडल  देवेन्द्र सिंह चौहान को एसबीएम, हेल्थ, गार्डन, झील, स्टोर, स्पोर्टस और हुजूर वि का नोडल. इसी प्रकार हर्षित तिवारी को होर्डिंग-पार्किंग, ट्रांसपोर्ट, कम्प्यूटर, प्रथम अपीलीय, सीएम हेल्पलाईन, कॉल सेंटर, ऑडिट ऑपत्ति, रिकार्ड, हेरिटेज और गोविंदपुरा विस का नोडल, गुणवंत सेवतकर पहले की तरह एडीसी फायनेंस रहेंगे.

परिषद की बैठक में भी उठा था मुद्दा

पिछले दिनों नगर निगम परिषद की बैठक हुई थी. इस दौरान भी कई पार्षदों ने अधिकारियों की जिम्मेदारी को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने महापौर से पूछा था कि आखिर कौन से अधिकारी क्या काम कर रहे हैं. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि कई मुद्दों को लेकर पार्षद की तरफ से उनसे सवाल किया जाता है लेकिन संबंधित विभाग ना होने का हवाला देकर जवाब दिया जाता है. इसके बाद नगर निगम का वेस्टर्न ने इस पूरे मामले को लेकर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर दी है. इसके साथ ही हर अधिकारी को निर्देश दिए है कि शहर से जुड़े हुए हर मुद्दे पर बेहतर तरीके से काम किया जाए. जिससे लोगों को परेशानी ना हो.

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