MP News: पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के लिए एमपी और राजस्थान में समझौता,दो चरणों में 22 बांध बनाए जाएंगे

MP News: इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 13 जिलों को लाभ मिलेगा. पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के पूरा होने से चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को लाभ मिलेगा. चंबल रीजन में मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी
Agreement between MP and Rajasthan for Parvati-Kalisindh-Chambal project, 22 dams will be built in two phases

प्रतीकात्मक तस्वीर (AI IMAGE)

MP News: मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना को लेकर सहमति बन गई है. दोनों प्रदेशों की सरकार के बीच नदियों को जोड़ने को लेकर समझौता हो गया है. इसके तहत एक-दो नहीं बल्कि 22 बांधों का निर्माण किया जाएगा. दोनों राज्यों के किसानों, उद्योगपतियों और आम नागरिकों को इस परियोजना से लाभ मिलेगा.

प्रदेश के 13 जिलों को मिलेगा लाभ

इस परियोजना से मध्य प्रदेश के 13 जिलों को लाभ मिलेगा. पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना के पूरा होने से चंबल और मालवा क्षेत्र के 13 जिलों को लाभ मिलेगा. चंबल रीजन में मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी. वहीं मालवा के इंदौर, उज्जैन, धार, आगर मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. एमपी और राजस्थान के बीच हुए समझौते के अनुसार पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना में कुंभराज कॉम्प्लेक्स, CMRS कॉम्प्लेक्स, लखुंदर बैराज, रणजीत सागर परियोजना और ऊपरी चंबल कछार में 7 सिंचाई परियोजनाओं का निर्माण होगा.

ये भी पढ़ें: भोपाल में बना प्रदेश का पहला राज्यस्तरीय पुलिस अस्पताल, सीएम आज करेंगे उद्घाटन

दो चरणों में 22 बांध का निर्माण होगा

इस परियोजना के तहत 22 बांधों का निर्माण किया जाएगा. पहले चरण में 13 बांधों का निर्माण किया जाएगा और दूसरे चरण में 9 बांध बनाए जाएगा. इस परियोजना के लिए 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार से मिलेगी. बाकी 10 फीसदी राशि राज्य सरकार देगी. इस पूरी परियोजना की लागत 75 हजार करोड़ रुपये है. इसमें से 35 हजार करोड़ रुपये की राशि के कार्य मध्य प्रदेश में करवाए जाएंगे.

किसान से लेकर उद्योगपतियों को मिलेगा लाभ

इस परियोजना से बड़े स्तर दोनों राज्यों को लाभ मिलेगा. जहां एक ओर बांध बनाने से सिंचाई सुविधा में लाभ मिलेगा. किसानों को खेती करने में लाभ होगा. इसके अलावा शहरों में पेयजल की आपूर्ति की जाएगी. इससे उद्योगों को लाभ मिलेगा. इससे एमपी के साथ-साथ राजस्थान के किसानों, आम नागरिकों और उद्योगपतियों को भी लाभ मिलेगा.

 

ज़रूर पढ़ें