MP News: विदिशा में गर्भवती महिला के घर तक नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस, मोटरसाइकिल से पहुंचाया अस्पताल

MP News: जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर तखत सिंह मीणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राखी सहरिया 9 महीने के पेट से थी. उसको डिलीवरी के लिए अस्पताल लेकर पहुंचना था आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिला के घर पर पहुंचकर आवश्यक सहयोग किया गया.
Her family took the pregnant woman to the Primary Health Center, Haidergarh, on a motorcycle.

र्भवती महिला को उसके परिजन मोटरसाइकिल पर बैठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ लेकर पहुंचे.

MP News: विदिशा ज़िले से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई. यहां ग्यारसपुर तहसील की ग्राम पंचायत मडिया जामुन के आदिवासी ग्राम गमिरिया जो की एक आदिवासी बहुल ग्राम है. रविवार को प्रातः राखी पत्नी दिनेश सहरिया 9 माह के पेट से थी. महिला की प्रसव पीड़ा को देखते हुए. स्थानीय आशा कार्यकर्ता के द्वारा 108 एम्बुलेंस को मौके पर फोन लगाकर बुलाया गया. परंतु गांव के रास्ते में एक 500 मी से अधिक की दूरी तक बारिश के चलते भारी कीचड़ के होने के कारण महिला के घर तक 108 एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई.

मोटरसाइकल में बैठाकर ले जाना पड़ा अस्पताल

जिसके कारण गर्भवती महिला को उसके परिजन मोटरसाइकिल पर बैठाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ लेकर पहुंचे. स्थानीय ग्रामीण लक्ष्मण सिंह सहरिया के द्वारा बताया गया कि बारिश के समय यहां पर 108 एंबुलेंस एवं हंड्रेड डायल नहीं पहुंच पाती है जिससे ग्रामीणों को सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं. सबसे अधिक पीड़ा उसे समय होती है जब गर्भवती महिला पेट दर्द होने पर समय से अस्पताल नहीं पहुंच पाती है. जिसके चलते कभी कभी गर्भवती महिला की मौत होने का खतरा भी बढ़ जाता है एवं उसके बच्चे को भी खतरा बना रहता है.

ये भी पढ़ें; हवाई यात्रा करने वालों के जरूरी खबर, त्योहारों के पहले जबलपुर से महानगर जाने के लिए आसमान छू रहा हवाई किराया

उन्होंने बताया है कि कई बार ग्राम पंचायत के अधिकारियों एवं सरपंच को बता चुके हैं परंतु अभी तक रास्ता पक्का नहीं बन पाया है. ऐसा ही एक मामला रविवार को सुबह देखने में आया. जहां पर 108 एम्बुलेंस महिला के घर तक नहीं पहुंच पाई. जिसे ग्रामीणों के द्वारा धक्का देकर बाहर निकल गया .कुछ दूरी तक मोटरसाइकिल पार गर्भवती महिला को बिठाकर ले जाया गया.

बीएमओ बोले- आशा कार्यकर्ता ने पीड़िता की मदद की

इस संबंध में जब ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर तखत सिंह मीणा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि राखी सहरिया 9 महीने के पेट से थी. उसको डिलीवरी के लिए अस्पताल लेकर पहुंचना था आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा महिला के घर पर पहुंचकर आवश्यक सहयोग किया गया. जानकारी लगते ही ग्यारसपुर विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर की मीणा ने स्वास्थ्य विभाग की एक टीम को भेज कर उपरोक्त महिला का परीक्षण कराया एवं प्रशिक्षण उपरांत उपचार की आवश्यकता होने पर महिला को दो पहिया मोटरसाइकिल के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ पहुंच कर उपचार कराया गया.

108 एंबुलेंस को बुलाकर अस्पताल ले जाने की तैयारी भी की गई. लेकिन 108 एम्बुलेंस रास्ता खराब होने के चलते 1 किलोमीटर दूर खड़ी रही. गर्भवती महिला को कीचड़ की वजह से उसके घर तक नहीं लेने पहुंच पाई. मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु या होम डिलीवरी होने पर रास्ता खराब होना है. बारिश कीचड़ भी एक बड़ी वजह है. जिससे सुधार करने की आवश्यकता है जिससे कि भविष्य में होम डिलीवरी या मातृ मृत्यु और शिशु मृत्यु को रोका जा सके.

ज़रूर पढ़ें