MP News: चंबल में बने भ्रष्टाचार के अमृत सरोवर तालाब, बीहड़ के गड्डों को अमृत सरोवर बता सरपंच और सचिवों पर करोड़ों गबन करने का आरोप
MP News: सरकार के द्वारा पानी सहेजने के लिए हर जिले में बनाए गए अमृत सरोवर तालाब भ्रष्टाचार का कारण बन रहे हैं इन अमृत सरोवर तालाबों का रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाले मामले सामने आए. मुरैना और भिंड जिले में चंबल बीहड़ के गड्डों को ही अमृत सरोवर बता दिया है. कागजों में बनाए गए ऐसे प्रत्येक तालाब की लागत लगभग 15 से 25 लाख रुपए है. चंबल के मुरैना और भिंड जिले में लगभग 345 अमृत सरोवर बनाए गए हैं. इनमें 80% तालाब बीहड़ किनारे बनाए गए हैं, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इन तालाबों में एक बूंद भी पानी नहीं ठहर पता है.
लाखों रुपयों के खर्च के बाद बनते है अमृत सरोवर तालाब
इन तालाबों में जहां पानी का संग्रहण होना था वहां खेती हो रही है. तो वहीं कई जगह गहरी खाई को ही तालाब बता दिया है. इसके अलावा कई तालाब ऐसे हैं जो मिट्टी के टीलों से घिरे हुए हैं सबसे खास बात यह है कि इन तालाबों को बनवाने के लिए 15 से 25 लाख रुपए का खर्च आता है. लेकिन हालात ऐसे हैं कि यहां पर इन तालाबों के नाम भुगतान हो गया है लेकिन मौके पर सिर्फ बंजर जमीन नजर आई है.
भ्रष्टाचार के तालाबों को की पड़ताल करने के लिए सबसे पहले विस्तार न्यूज़ की टीम ग्राउंड रिपोर्ट पर मुरैना जिले हासई मेवदा गांव पहुंची. जहां पर यह अमृत सरोवर बना है. यहां एक खेत में ऊंची मेडनुमा मिट्टी की पट्टी के किनारे पर पिचिंग के नाम पर कुछ खंडे लगे हुए थे. तालाब में जिस जगह पानी का संग्रहण होना है वहां खेती हो रही है. इसका प्रमाण वहां की जमीन में हल के निशान दे रहे थे यह अमृत सरोवर 14 लाख 95 हजार रुपए का है जिसमें 14.61 लाख रुपए का भुगतान हो चुका है. यहां स्थानीय लोगों से बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरा पर बोलने से इनकार कर दिया. ऑफ रिकॉर्ड उन्होंने कहा कि यहां का पूर्व सरपंच ने तालाब बनवाए थे और वह गांव का दबंग व्यक्ति है इसलिए उसके खिलाफ हम नहीं बोल सकते है.
कई जगह तालाबों के नाम पर सिर्फ गढ्ढे
भिंड जिले के अमृत सरोवर तालाबों की पड़ताल की तो वहां भी हालात ऐसे ही मिले. भिंड जनपद के ग्राम बाबेडी में 24 लाख 75 हजार से अमृत सरोवर बना है. यहां चौंकाने वाली बात यह है की बीहड़ में एक बड़ी खाई को ही अमृत तालाब का नाम दे दिया है. तालाब में पानी की एक बूंद नहीं है और सरोवर की एक किनारे पर कुछ जगह पत्थर जरूर रखे है. यह तालाब 2021-22 में स्वीकृत हुआ था. बीहड़ की जमीन को तालाब का नाम देकर अब तक 11 लाख 52 हजार रुपए का भुगतान भी पंचायत ने ले लिया है. वहीं भिंड जिले की मेहगांव जनपद की गोअरा पंचायत की भीकमपुर में अमृत सरोवर स्वीकृत हुआ था. 20 लाख 17 हजार की लागत में बने इस तालाब पर सिर्फ एक किनारे पर पत्थरों की पिचिंग है बाकी तालब में कुछ भी नजर नहीं आ रहा है. भिंड के गोहद के गिरगांव में दो अमृत सरोवर है दोनों ही सरोवर साल 2022-23 में स्वीकृत हुई. पहले यहां अमृत सरोवर बीहड़ के गड्ढों के बीच है यहां एक जगह अमृत सरोवर का बोर्ड लगा है जिस पर तालाब बता रही वहां एक बूंद पानी भी नहीं है. तो वहीं दूसरी जगह यहां अमृत सरोवर तालाब की जगह बताई जा रही है वहां कुछ भी नजर नहीं आ रहा है और दोनों ही अमृत सरोवर के पैसों का भुगतान पंचायतों को हो चुका है.
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चंबल में इन अमृत सरोवरों को लेकर कितनी भ्रष्टाचारी है इसका आप अंदाजा नहीं लगा सकते है. यह अधिकारियों की साथ सांठ गांठ करके पंचायत के सरपंच और सचिव लाखो रुपए का भ्रष्टाचार करने में जुटे है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां अधिकतर बीहड़ के गड्ढों को समतल करके अमृत सरोवर तालाब बना दिया है. जहां एक बूंद पानी नहीं है. वहीं इस मामले को लेकर भिंड जिले के जिला पंचायत सीईओ जगदीश कुमार इन अमृतसर सरोवर तालाबो की जांच करने की बात कह रही है.
अमृत सरोवरों की तस्वीर मागें जाने पर अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए
दरअसल, हर जिले में केंद्र सरकार की जल शक्ति मंत्रालय ने पानी सहने के लिए अमृत सरोवर तालाब बनवाए हैं. जानकारी के अनुसार जब मंत्रालय ने पंचायत से लबालब अमृत सरोवरों की तस्वीर मांगी तो अधिकारियों के हाथ पांव फूल गए. क्योंकि सरोवरों में पानी था ही नहीं… इसके बाद कुछ पंचायत में तालाबों को ट्यूबवेल चलकर पानी भर गया. उसके बाद फोटो पोर्टल पर अपलोड किए गए हैं. मुरैना और भिंड जिले में 80 फ़ीसदी यह अमृत सरोवर तालाब चंबल की बीहड़ करने बने हैं जहां पर न तो इनमे तालाब में पानी है और न नही इन्हें बनाया गया है अगर इनकी जांच की जाए तो इन तालाबों में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार सामने आएगा.