MP News: अनूपपुर में प्रशासन की उदासीनता के कारण गौशालाओं की हालत चिंताजनक, भूख और प्यास से तड़प कर मर रहे गोवंश

MP News: ग्राम पंचायत एजेंसी द्वारा भले ही महिला समूह को गौशाला में गायों की देखरेख का जिम्मा सौपा हो. लेकिन महिला समूह द्वारा गायों की देखरेख नहीं की जा रही है.
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शैलेंद्र विश्वकर्मा-

MP News: अनूपपुर जिले के शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह के ससुराल पक्ष के गांव दारसागर में गौशाला की हालत बेहद दयनीय है. गौशाला की देखरेख का जिम्मा भारती महिला समूह को दिया गया है जहां महिला समूह की महिलाओं की जगह उनके पतियों द्वारा गौशाला की देखरेख की जा रही है. गौशाला में गायों की देखरेख में इस कदर लापरवाही बढ़ती गई कि 26 जून बुधवार को दो गायों की मृत्यु भूख प्यास से तड़पकर हो गई. गौशाला में दो गए मृत हालत में पड़ी हुई थी और गौशाला में ताला जड़ा हुआ था. दारसागर गौशाला के अंदर लगभग आधा सैकड़ा से भी ज्यादा पशु अंदर थे लेकिन उनके खाना और पानी की सुविधा गौशाला से नदारत दिखाई दी. जब समूह के संचालक और सचिव से बात करने का प्रयास किया गया तो समूह के सचिव के पति द्वारा पूरे मामले में हस्तक्षेप किया गया.

लापरवाही से गई गायों की जान

दारसागर गौशाला में भारती महिला समूह की लापरवाही इस कदर है कि, गायों को खाने के लिए भूसा और पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. गौशाला के स्टॉक में भूसा भले ही पर्याप्त मात्रा में रखा हो लेकिन गायों को खाने के लिए भूसा नहीं दिया जा रहा है. गायों के भूसा खाने के लिए बनाए गए पात्र पूरी तरह खाली पड़े हुए थे. गौशाला में दो गाय मृत स्थिति में पड़ी हुई थी और बाहर से ताला जड़ा हुआ था. जिससे यह स्पष्ट है कि महिला समूह द्वारा प्रतिदिन गौशाला में गायों की देखरेख नहीं की जाती है और ना ही उन्हें खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. पीने के पानी के लिए बनाए गए टंकी में शैवाल जमे हुए हैं जो कि कई महीनो से साफ नहीं हुए होंगे, इसके साथ ही खाने के लिए बनाई गई भूसा से की टंकियां पूरी तरह से रिक्त पड़ी हुई है. महिला समूह को गौशाला से मिलने वाली राशि का बंदर बांट किया जा रहा है ना तो गायों को सही तरीके से खाना के दिया जा रहा है और ना ही पानी की व्यवस्था बनाई जा रही है.

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महिला समूह के गौशाला संचालन में बरती जा रही लापरवाही

ग्राम पंचायत एजेंसी द्वारा भले ही महिला समूह को गौशाला में गायों की देखरेख का जिम्मा सौपा हो. लेकिन महिला समूह द्वारा गायों की देखरेख नहीं की जा रही है. गौशाला में ना तो गायों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है. ना ही समय पर खाना और पानी की व्यवस्था की जाती है. यहां तक की समूह संचालक द्वारा गौशाला के अंदर ही मल मूत्र को एकत्रित कर लगभग दो महीने से रखा गया है जिससे कई प्रकार की बीमारियां पशुओं को लग रही हैं. समूह संचालक के जगह उनके पति कभी कभार गौशाला की तरफ झांक लेते हैं लेकिन समूह संचालक को गौशाला से किसी तरह का वास्ता नहीं है जिस कारण से गौशाला की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है और प्रतिदिन कोई ना कोई गाय की मृत्यु हो रही है.

सांसद के ससुराल में बेहाल है गौ माता

शहडोल संसद के ससुराल पक्ष का गांव दारसागर है जहां गौशाला की स्थिति बेहद दयनीय है. आए दिन समूह संचालकों की लापरवाही से गायों की मौत हो रही है. लेकिन क्षेत्र की सांसद और गांव की बहू होने के बाद भी क्षेत्र में ना तो एक भी विकास कार्य हो रहे हैं और ना ही उक्त लापरवाही पर सांसद का ध्यान जा रहा है. कुल मिलाकर कहा जाए तो सांसद क्षेत्र से विलुप्त होकर पुष्पराजगढ़ के हवेली तक सीमित हो गई हैं. दारसागर की जनप्रतिनिधि होने के बाद भी गाय भूख और प्यास से तड़प रही हैं.

वहीं इस पूरे मामले पर अनूपपुर जिले के उपसंचालक पशुपालन एव डेरी विभाग के डॉक्टर एपी पटेल ने दूरसंचार के माध्यम से बताया कि संबंधित मामले में कर्मचारियों को बेचकर जांच कराई जाएगी. देखना यह है कि उक्त मामले में क्या सांसद कार्रवाई करवा पाती हैं या फिर गायों की मौत लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगी.

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