MP News: हाई कोर्ट में ASI के रिपोर्ट पेश करने के बाद पहली बार भोजशाला पहुंचा हिंदू पक्ष, किया हनुमान चलीसा का पाठ
जफर अली-
Dhar BhojShala: धार की विवादित भोजशाला कमाल मौला मस्जिद इन दिनों राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में बनी हुई है. हिंदू और मुस्लिम दोनों समाज के लिए यह स्मारक धार्मिक महत्व रखता है और इसी लिए दोनों ही समाज वर्षों से यहां के अधिपत्य को लेकर संघर्षरत हैं. पिछले दिनों उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश पर यहां वैज्ञानिक सर्वे भी किया गया. जिसकी रिपोर्ट सोमवार 15 जुलाई को न्यायालय में एएसआई द्वारा प्रस्तुत की गई.
किया गया हनुमान चालीसा का पाठ
सर्वे रिपोर्ट के बाद विवादित इमारत को लेकर न्यायालय द्वारा क्या निर्णय पारित किया जाता है यह तो भविष्य बताएगा लेकिन, 98 दिनों तक चले सर्वे के दौरान सनातन धर्म से जुड़ी कई भगवान की मूर्तियां व अन्य अवशेष प्राप्त होने के दावे के बाद हिंदू समाज आज मंगलवार को नई उमंग और उत्साह के साथ मॉन्यूमेंट में मां सरस्वती की पूजा एवं हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंचा जहां भोजशाला कमाल मौला मस्जिद के बाहर महिलाओं द्वारा नाच-गाकर अपनी खुशी का इजहार किया गया, इस दौरान परिसर में सुरक्षा को लेकर पुलिस के व्यापक इंतजाम किए गए.
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साल 2003 से भोजशाला में दोनों पक्ष को प्रवेश की है अनुमति
बता दें कि सन् 2003 से विवादित इमारत में प्रति मंगलवार सूर्योदय से सूर्यास्त तक हिंदू समाज को कुछ अक्षत और फुल के साथ निशुल्क प्रवेश की अनुमति मिली हुई है. इसी प्रकार प्रति शुक्रवार को मुस्लिम समाज को भी दोपहर एक से तीन बजे तक नमाज अदा करने के लिए अनुमति मिली हुई है.
सर्वे में सिक्के, देवी देवताओं की मूर्तियां मिलने का दावा
भोजशाला कमाल मौला मस्जिद मामले में याचिका कर्ता हिंदू पक्षकार आशीष गोयल ने कहा कि महाराजा भोज बसंत उत्सव समिति द्वारा प्रति मंगलवार यहां सत्याग्रह किया जाता रहा है. परमार कालिन यह स्मारक है. 1025 में मां सरस्वती मंदिर का निर्माण राजा भोज द्वारा कराया गया है.
सर्वे के दौरान भोजशाला से जो अवशेष भग्नावशेष परमार कालिन सिक्के देवी देवताओं की मूर्तियां प्राप्त हुई है उसे देखते हुए निश्चित तौर से हिंदू समाज में काफी हर्ष है और आने वाले समय में इसका निर्णय भी हिंदू समाज के पक्ष में होगा. सर्वे के खिलाफ मुस्लिम समाज द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर रखा है जिस पर अब तक कोई निर्णय माननीय न्यायालय द्वारा नहीं दिया गया है हमारे वकील सर्वोच्च न्यायालय में भी अपना पक्ष रखेंगे.