MP News: बाबा महाकाल मंदिर की भस्मआरती होगी हाईटेक, आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को पहनना होगा RFID बैंड
MP News: उज्जैन में स्थित बाबा महाकाल का मंदिर अपने आप में अनोखा है. यहां होने वाली भस्म आरती जिसे देखने के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं. अब भस्म आरती हाईटेक होने जा रही है. आरती में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं को अब RFID बैंड पहनना अनिवार्य होगा.
अगले महीने दीपावली के बाद से सभी भक्तों को अपने हाथों की कलाई पर RFID बैंड पहनना अनिवार्य होगा. महाकाल मंदिर समिति इसे नवंबर के पहले हफ्ते में लागू करने का प्लान तैयार कर रही है. इसके लिए कंपनी ने फिलहाल टेस्टिंग शुरू कर दी है. इससे महाकाल मंदिर में अनाधिकृत प्रवेश पर रोक लगेगी. इसके साथ ही ये भी पता होगा कि कितने भक्तों को अनुमति दी गई है और कितने भक्तों ने प्रवेश किया.
महाकाल मंदिर में अब हाईटेक तरीके अपना कर भक्तों को भस्म आरती में प्रवेश मिलेगा. ये ठीक वैसा ही होगा जैसे कई बड़े कंसर्ट, पब और बड़े स्टेज शो में लोगों की एंट्री के समय कलाई पर RFID बैंड बांधा जाता है. महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि इंदौर की कंपनी को ठेका दिया गया था. उन्होंने अपनी तैयारी पूरी कर ली है इसके लिए बना एप, कम्प्यूटर स्केनर और प्रिंटर अगले हफ्ते तक मंदिर में इंस्टाल हो जाएंगे. जिसके बाद से भस्म आरती में प्रवेश करने वालों की एंट्री RFID बैंड बांधने के बाद ही होगी. इसे कंपनी द्वारा इंस्टाल करने के बाद जल्द शुरू कर दिया जाएगा.
RFID बैंड का प्रायोगिक तौर पर उपयोग शुरू
कंपनी इसे प्राथमिक रूप से तैयार कर लिया है. फिलहाल इसे यूज एन्ड थ्रो वाला कागज़ का बनवाए गया है. जिसमें बारकोड स्केनर के साथ साथ नाम,उम्र,पता, दिनांक और समय भी प्रिंट होगा. इसके लिए कंपनी रोजाना अभी प्रायोगिक रूप से RFID बैंड की टेस्टिंग कर रही है. भस्म आरती में टिकट दिखाने के बाद श्रद्धालु मान सरोवर से एंट्री करने के बाद सभी प्रमुख गेट पर RFID बैंड की सुविधा होगी. साथ ही सभी भक्तों को भस्म आरती के दौरान इससे पहनना अनिवार्य होगा.
ये भी पढ़ें: ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी में छात्रा से दुष्कर्म; पुलिस ने दर्ज किया केस, आरोपी छात्र फरार
ऐसे काम करेगा RFID बैंड
रेडियो-फ़्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID बेंड) पूरी तरह चिप प्रोसेस पर काम करता है. जिसमें श्रद्धालु की जानकारी को फीड किया जायेगा. जब श्रद्धालु अपने ऑनलाइन या ऑफ़लाइन टिकट परमिशन को लेकर मंदिर के अंदर प्रवेश करेगा तो उससे पहले एक काउंटर पर बार कोड स्केन कर श्रद्धालु को कलाई पर बांधने के लिए एक बैंड दिया जायेगा. जिसमें उस श्रद्धालु की पूरी डिटेल फीड की होगी. उस श्रद्धालु को भस्म आरती में प्रवेश से लेकर भस्म आरती खत्म होने तक अपनी कलाई पर RFID बैंड को बांधकर रखना होगा. आरती खत्म होने के बाद मंदिर समिति के कर्मचारियों को निर्धारित काउंटर पर इसे जमा भी करना होगा.
RFID बैंड से ही गेट खुलेंगे
महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि शुरआत में इसे प्रायोगिक रूप से लागू कर रहे हैं. इसके बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर फ्लिप बेरियर लगाये जायेंगे. उससे इन RFID बैंड को जोड़ा जाएगा.