MP News: बैतूल में दर्जनों ट्यूबवेल से बिना मोटर निकल रहा पानी, ग्रामीण हो रहे हैरान

MP News: ग्राम पोहर के वॉल मैन रमेश इंग्ले से बात की उनका कहना था कि पोहर में 4 सरकारी और 8 निजी ट्यूबवेल पांच से छह महीनों तक ऐसे ही पानी उगलगे हैं जिससे गाँव की पंचायत मे पदस्थ वॉलमैन को पेयजल सप्लाई के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ती है.
In Pohar village under Multai tehsil of Betul, more than a dozen tube wells keep spewing water like this for four to five months.

बैतूल की मुलताई तहसील के अंतर्गत आने वाले पोहर गाँव मे एक दर्जन से ज्यादा ट्यूबवेल चार से पांच महीने इसी तरह पानी उगलते रहते हैं.

MP News: ऐसी कई भूगर्भीय घटनाएं होती हैं जो कभी अभिक्षाप बन जाती हैं तो कहीं वरदान साबित होती हैं. ऐसी ही एक घटना का साक्षी है बैतूल का ग्राम पोहर जहां के एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन ट्यूबवेल बिना बिजली और बिना मोटर के इतना पानी उगलते हैं जिससे एक नदी को रिचार्ज किया जा सके. मानसून की शुरुआत से लेकर अगले चार पांच महीनों तक गाँव के इन ट्यूबवेलो से फव्वारे की तरह पानी निकलता है जिसे ग्रामीण प्रकृति का एक वरदान मानते हैं जबकि आसपास के गांवों में सालभर पानी की किल्लत बनी रहती है.

ग्रामीणों का कहना- चार से पांच महीने तक जारी रहता है सिलसिला

बैतूल की मुलताई तहसील के अंतर्गत आने वाले पोहर गाँव मे एक दर्जन से ज्यादा ट्यूबवेल चार से पांच महीने इसी तरह पानी उगलते रहते हैं. प्रकृति का ये चमत्कार ग्रामीणों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यहां के रहने वाले ग्रामीण भूपेश गीते का कहना है कि कई दशकों से ये सिलसिला जारी है जब मानसून की शुरुआत से ये ट्यूबवेल फव्वारों में तब्दील हो जाते हैं.

वहीं स्थानीय ग्रामीण पंकज पवार का कहना है कि ग्राम पोहर के पड़ोसी गांवों में बारिश के दिनों में भी पेयजल की समस्या बनी रहती है लेकिन पोहर में आलम ये है कि एक दर्जन से ज्यादा ट्यूबवेल बिना बिजली और बिना मोटर के इतना पानी उगलते हैं जिससे गाँव की एक नदी को रिचार्ज किया जाता है और ये नदी आगे ताप्ती नदी में जाकर मिल जाती है. यानी नदी से ट्यूबवेल नहीं बल्कि ट्यूबवेल से नदी रिचार्ज हो रही है.

यह भी पढ़ें:भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का अनोखा प्रदर्शन, लोगों को खिलाए ‘कर्ज के लड्डू’

वॉल मैन ने कहा- गाँव वालों का प्रयास, किया जाए सही इस्तेमाल

इस संबध में जब ग्राम पोहर के वॉल मैन रमेश इंग्ले से बात की उनका कहना था कि पोहर में 4 सरकारी और 8 निजी ट्यूबवेल पांच से छह महीनों तक ऐसे ही पानी उगलगे हैं जिससे गाँव की पंचायत मे पदस्थ वॉलमैन को पेयजल सप्लाई के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ती है. पूरा गाँव इस प्रयास में रहता है कि लगातार बहती इस जलधारा का सही इस्तेमाल कैसे किया जाए.

दरअसल पोहर गाँव के एक दर्जन से ज्यादा ट्यूबवेल एक सामान्य भूगर्भीय प्रक्रिया का नतीजा हैं. गाँव के बीच से बहने वाली नदी की वजह से यहां भूजलस्तर सालभर बेहतर बना रहता है. उस पर मानसूनी बारिश से ये ट्यूबवेल जल्दी रिचार्ज होकर पानी उगलने लगते हैं. इस तरह जहां ये एक प्राकृतिक घटना है वहीं स्थानीय लोगों के लिए एक वरदान है.

ज़रूर पढ़ें