भारतीय किसान संघ ने अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में प्रस्ताव पास कर रखी ये मांग

MP News: भारतीय एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष व प्रधानमंत्री एमएसपी कमेटी के सदस्य प्रमोद चौधरी ने कहा कि जब आईसीएआर के पास देश भर में 731 कृषि विज्ञान केंद्रो का बड़ा नेटवर्क है.
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MP News: भोपाल केंद्र सरकार विपक्ष और संगठन तो दूर की बात है. आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भारतीय किसान संघ को भी कृषि से सम्बंधित नीतियों व योजनाओं को समझाने में नाकाम रही है. विगत दिनों भुवनेश्वर में हुई भारतीय किसान संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी व प्रबंध समिति की बैठक में बीज कानून बनाने व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एमेजॉन, बायर जैसी विदेशी व धानुका, कोरोमंडल निजी कंपनियों से किये गये समझौतों की तीखी आलोचना की गई. साथ ही बीज नीति व आईसीएआर दोनों विषयों पर प्रस्ताव पास कर कहा गया कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

बैठक में शामिल होकर लौटे भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना ने बताया कि भारतीय किसान संघ ने विदेशी व निजी कंपनियों से किये गये समझौतों को न सिर्फ रद्द करने की मांग की. बल्कि इन समझौतों में भूमिका निभाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है.

बीज कानून तत्काल बनाये सरकार

भारतीय किसान संघ की प्रबंध कार्यकारिणी ने बीज कानून तत्काल बनाये जाने प्रस्ताव भी पारित किया। जिसमें कहा गया कि बीज बाजार पंद्रह हजार करोड़ का है. जिस पर विदेशी व निजी कंपनियों की नजर है. महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने बताया कि सही बीज कानून न होने के कारण नकली, अप्रमाणिक व अनाधिकृत बीज धड़ले से बाजार में बिक रहे हैं. जिससे किसानों को भारी नुकसान है. मिश्र ने कहा कि खाद्यान्न सुरक्षा का मूल आधार किसान है और बीज किसानों का अधिकार है. इसलिये केंद्र सरकार से आग्रह है कि किसान के शोषण को रोकने के लिये हितधारकों से सहमति बनाकर किसान हित व राष्ट्र हित में तुरंत कानून बनाये.

आईसीएआर के संदिग्ध समझौते मंजूर नहीं

बीकेएस की बैठक में आईसीएआर निशाने पर था. उसके खिलाफ पारित प्रस्ताव में तीखी आलोचना की गई है. भारतीय एग्रो इकोनॉमिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष व प्रधानमंत्री एमएसपी कमेटी के सदस्य प्रमोद चौधरी ने कहा कि जब आईसीएआर के पास देश भर में 731 कृषि विज्ञान केंद्रो का बड़ा नेटवर्क है. तो वह 2023 से कृषि शोध, सलाह, तकनीकी मार्गदर्शन के नाम पर विदेशी व निजी कंपनियों से संदिग्ध समझौते क्यों कर रहा है. जबकि ये संस्थायें हमारे कृषि क्षेत्र के आर्थिक और पर्यावरण संकट के लिये जिम्मेदार हैं. किसान, किसान संगठन, बीज उत्पादक समूह की उपेक्षा करके आईसीएआर के ये समझौते क्या देश हित में है? सरकार को कंपनियों से किये गये समझौते सार्वजनिक करने चाहिये.

कृषि मंत्रालय पूरी जानकारी दे किसानों को

बजट में सरकार ने खेती के लिये 32 व बागवानी के लिये 109 किस्मों के उन्नत बीज उपलब्ध कराने का वादा किया है, बीकेएस इसे संदेह की नजर से देखता है. उसका कहना है कि कृषि मंत्रालय को पूरी जानकारी किसानों के सामने रखना चाहिये. किसानों, किसान संगठन, कृषक बीज उत्पादक समूह को भरोसे में लिये बगैर विदेशी व निजी कंपनियों से उन्नत बीज तैयार कराने की कोशिश का भारतीय किसान संघ विरोध करेगा.

ये रहे उपस्थित

बीकेएस की अखिल भारतीय प्रबंध समिति बैठक में अध्यक्ष बद्री नारायण चौधरी, कार्यकारी अध्यक्ष रामभरोस वासोतिया, महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र, संगठन मंत्री दिनेश कुलकर्णी, आरएसएस के क्षेत्र प्रचारक जगदीश, भारतीय एग्रो इकानामिक रिसर्च सेंटर के अध्यक्ष प्रमोद चौधरी, प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल, मध्यप्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, महामंत्री चंद्रकात गौर, क्षेत्र संगठन मंत्री महेश चौधरी, मध्यभारत प्रांत अध्यक्ष कैलाश ठाकुर, प्रांत संगठन मंत्री मनीष शर्मा, महामंत्री पवन शर्मा सहित देश भर के विभिन्न राज्यों के दो सौ से अधिक पदाधिकारियों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.

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