MP News: प्रदेश में चुनाव खत्म होते ही बजट की तैयारी शुरू, वित्त विभाग ने विभागों से 20 मई तक मांगे बजट प्रस्ताव
MP BUDGET 2024-25 : देश में 4 चरण के चुनाव खत्म हो चुके हैं. प्रदेश में सभी 29 लोकसभा सीटों के लिए वोटिंग हो चुकी है. मतदान के नतीजे 4 जून को आने वाले हैं. लेकिन अब प्रदेश सरकार बजट की तैयारी में जुट गई है. प्रदेश सरकार के वित्त विभाग ने 2024-25 के बजट अनुमान और तैयारी को लेकर दिशा निर्देश जारी किए हैं. इसके लिए वित्त विभाग ने 20 मई तक विभागों से बजट प्रस्ताव की मांग करते हुए पत्र भी लिखा है.
जून के दूसरे सप्ताह में जारी हो सकते है बजट
मिली जानकारी के अनुसार जून के दूसरे सप्ताह में बजट अनुमानों पर वित्त विभाग के आला अफसर विभागों से चर्चा कर सकतें है. एमपी सरकार ने अप्रैल से जुलाई तक के खर्चे के लिए लेखानुदान प्रस्ताव विधानसभा में पारित कराया था. ऐसे में अब अब विभागों के साथ चर्चा होगी.
साथ ही वित्त विभाग के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वेतन मद में 2023-24 के पुनरीक्षित अनुमान से लगभग 3% वृद्धि रखी जाए. साथ ही साथ 2024-25 के बजट अनुमान में महंगाई भत्ता वेतन मद का 56% रखा जाए. इसके अलावा संविदा कर्मियों का पारिश्रमिक अनुमान 2023 -24 के पुनरीक्षित अनुमान से 8% की वृद्धि रखी जाए. इसके साथ ही नई नियुक्तियों या रिटायरमेंट के कारण ऊपर दी गई सीमा से कम या ज्यादा राशि अनुमानित हो तो इसका कारण भी लिखा जाना चाहिए. आदेश में यह भी कहा गया है कि बजट अनुमान 2024-25 के लिए आईएफएमआईएस में आंकड़ों की वित्त विभाग द्वारा एंट्री 20 मई तक की जाए. वहीं वित्त विभाग द्वारा योजनाओं के प्रस्ताव 17 जून तक प्राप्त किए जाएंगे.
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फरवरी में पेश हुआ था लेखानुदान
दरअसल, प्रदेश सरकार ने लोकसभा चुनाव के चलते फरवरी में पूर्ण बजट पेश नहीं किया था. जिसके बाद सरकार लेखानुदान लेकर आई थी. इसमें तीन महीने का सरकार का योजनाओं और वेतन भत्तों के खर्च का बजट जारी किया गया था. इसमें किसी तरह के नए कर संबंधी नए प्रस्ताव और व्यय के नए मदद शामिल नहीं किए गए थे. वहीं जानकारों का कहना है कि सरकार अब लोकसभा चुनाव के बाद जुलाई में अपना पूर्ण बजट लेकर आ सकती है. सरकार को 31 जुलाई के पहले बजट पेश करना है.
सरकार का 2024-25 का पूर्ण बजट का अनुमान 3.48 लाख करोड़ का है. इसमें लेखानुदान के 1.45 लाख करोड़ रुपये भी शामिल होगे. अगले वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व प्राप्तियां 2.52 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है. इसमें राज्य कराधान से आय 96 हजार करोड़ रुपये है.