MP News: प्रदेश के नगर निगम और निगम मंडलों में 1100 करोड़ से ज्यादा का कर्ज, दूसरी तरफ आवास, जल पूर्ति के लिए सरकार ने हजारों करोड़ का लिया LOAN
MP News: राज्य में चल रही योजनाओं के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए का कर्ज बाजार से लिया है. लगातार लोन को लेकर ऑडिटर जनरल सरकार से जानकारी मांग रहा था. आखिरकार सरकार ने कर्ज की सूची विभागवार बार सौंप दी है. प्रदेश में नगर निगम और निगम मंडलों में सबसे ज्यादा कर्ज है. इसकी रकम भी 1100 करोड़ के पार हो चुकी है. इसके अलावा सरकार ने बताया है कि आवास जल पूर्ति के लिए भी हजारों करोड़ का सरकार ने लोन बाजार से लिया है.
दरअसल मध्य प्रदेश सरकार बजट को लेकर तैयारी कर रही है इससे पहले पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में लोन और खर्च के हिसाब किताब का मिलान किया जा रहा है. जिससे वित्त विभाग कैग की आपत्ति को लेकर भी जवाब दे सके. राज्य में कर्ज का बोझ बढ़ा है. स्थिति यह है कि बजट से ज्यादा सरकार का कर्ज हो गया है. हालांकि सरकार कर्ज का बोझ काम करने में जुटी हुई है. सरकार की सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम सहकारी संस्थाओं और अपने संगठनों को कहा है कि वह आई का स्रोत बताएं खर्च कम करने की सलाह दी गई है.
पिछले दिनों वित्त विभाग की समीक्षा के दौरान जानकारी निकाल के सामने आई की मध्य प्रदेश पर अब तक 3 लाख 65 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज हो चुका है, जबकि पिछले साल मध्य प्रदेश सरकार का बजट 3 लाख 20 हजार करोड़ का था. 1 अप्रैल 2024 से नए वित्तीय वर्ष शुरू होने पर सरकार ने विभागों को 4 महीने का बजट उपलब्ध करा दिया था. यह राशि जुलाई माह तक ही सीमित है. इसके बाद खर्च की जरूरत भी है. अगले 8 महीने का बजट तैयार करने के लिए वित्त विभाग मशक्कत कर रहा है. जुलाई में राज्य सरकार बजट पेश करेगी. सदन की हरी झंडी मिलने के बाद विभागों को बजट आवंटित किया जा सकेगा.
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इन विभाग और उपक्रम पर सरकार का सबसे ज्यादा कर्ज
प्रमुख विभागों का बकाया अग्रिम एवं ऋण
शहरी जलपूर्ति कार्यक्रमः 19909.56 लाख
शिक्षा खेलकूद, कला व संस्कृति के लिए ऋण: 40350.81 लाख
स्थानीय संस्थाओं, नगर पालिकाओं को ऋण: 340.41 लाख
आवास सहकारिताओं के लिए ऋण: 51.39 लाख
आवास मंडल को ऋण: 4905.67 लाख
शहरी आवास: 5783.67 लाख
ग्रामीण आवास: 135.42 लाख
सार्वजनिक क्षेत्र तथा अन्य उपक्रमों को ऋण: 37536.41 लाख
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र: 10034.46 लाख
स्लम क्षेत्र का विकास: 10500.44 लाख
स्थानीय निकायों, निगमों आदि को ऋण: 115122.57 लाख
नगर पालिकाओं, नगर परिषदों को ऋण: 9078.03 लाख