MP News: मदरसों में गैर मुस्लिमों को धार्मिक शिक्षा दी तो मान्यता होगी रद्द, प्रदेश सरकार का बड़ा फैसला
भोपाल: मदरसों को लेकर प्रदेश में बड़ा फैसला आया है. प्रदेश सरकार ने आदेश जारी कर यह साफ कर दिया है कि गैर-मुस्लिम बच्चों को उनके धर्म के अलावा कोई और धार्मिक शिक्षा दी गई, तो मदरसे की सरकारी मदद बंद कर दी जाएगी. इसके साथ उन मदरसों की मान्यता भी रद्द कर दी जाएगी. स्कूल शिक्षा मंत्री इंद्र सिंह परमार के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया है. बीते कुछ दिनों पहले ही श्योपुर जिले में 50 से अधिक मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई थी.
जारी आदेश के मुताबिक गैर मुस्लिम बच्चों को मज़हबी तालीम देना गैर कानूनी बताया गया है. इतना ही नहीं बल्कि किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि के लिए अभिभावक की लिखित मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी. शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में संविधान की धारा 28 (3) का हवाला दिया है.
जारी आदेश के मे कहा गया है कि, ऐसे मदरसें जो मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, का भौतिक सत्यापन कराया जावे कि ऐसे मदरसों में शासन से अनुदान प्राप्त करने के लिए फर्जी रूप से गैर-मुस्लिम अथवा मुस्लिम बच्चों के नाम दर्ज तो नहीं है, यदि ऐसे मदरसों में फर्जी रूप से बच्चों के नाम दर्ज पाये जाते है तो अनुदान बंद करने, मान्यता समाप्त करने एवं उपयुक्त दाण्डिक प्रावधानों के तहत विधि अनुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जावे.
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संविधान की धारा 28 (3) का हवाला
भारतीय संविधान के अनुच्छेद- 28 (3) के अनुसार “राज्य से मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता प्राप्त करने वाली किसी शैक्षिणिक संस्था में उपस्थित होने वाले किसी व्यक्ति को ऐसी संस्था में दी जाने वाली किसी धार्मिक शिक्षा में भाग लेने के लिए या ऐसी संस्था में या उससे संलग्न स्थान में की जाने वाली धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के लिए तब तक बाध्य नही किया जायेगा जब तक कि उस व्यक्ति ने या यदि ऐसा व्यक्ति अवयस्क है तो उसके सरंक्षक ने इसके लिए अपनी सहमति नही दे दी हो.”
आगे आदेश में लिखा है कि उक्त संवैधानिक प्रावधान के दृष्टिगत यदि शासन द्वारा मान्यता प्राप्त या राज्य निधि से सहायता प्राप्त मदरसों में अध्ययनरत बच्चों को उनकी (यदि वह अव्यस्क है तो उनके अभिभावकों) की स्पष्ट सहमति के बिना उनके धर्म की शिक्षा के विपरीत दीनी तालीम दी जा रही है या किसी प्रकार की धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने अथवा उपासना में उपस्थित होने को बाध्य किया जा रहा है, तो ऐसे मदरसों के सभी शासकीय अनुदान बंद करते हुए उनकी मान्यता समाप्त करने की विधिवत कार्यवाही एवं अन्य उपयुक्त वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जायें.
दरअसल जानकारी के मुताबिक सरकार को इस बात की शिकायत मिल रही थी कि मदरसों में गैर मुस्लिम बच्चों को धार्मिक शिक्षा दी जा रही है. वहीं इस पूरे मामले पर बाल आयोग ने भी चिंता जताई थी. जिसके बाद अब स्कूल शिक्षा विभाग ने भौतिक सत्यापन के लिए भी निर्देश दिए है.