MP News: एमपी में भाजपा का सदस्यता अभियान- दस से अधिक जिलों में ग्वालियर-चंबल और विंध्य कमजोर, दूसरे चरण में दिल्ली करेगी निगरानी
MP News: विगत दो सितंबर से भारतीय जनता पार्टी द्वारा देश भर में प्रारंभ किए गए सदस्यता अभियान को करीब दस दिन हो गए हैं. प्रदेश में यह अभियान तीन सितम्बर को शुरू हुआ था. जिसके बाद पार्टी के विधायक, महापौर, जिला अध्यक्ष को सदस्यता को लेकर लक्ष्य भी दिया गया था. अब दस दिन बाद इसकी समीक्षा में प्रदेश के दस जिले ऐसे हैं, जहां सदस्यता अभियान काफी कमजोर रहा है.
सदस्यता अभियान को लेकर भाजपा नेतृत्व द्वारा सभी संभागों की समीक्षा की गई जिसमें विंध्य क्षेत्र का मऊगंज जिला और नर्मदापुरम का बैतूल जिला सदस्यता अभियान में काफी पीछे है. इसके अलावा ग्वालियर, चंबल संभाग के भिंड, मुरैना, गुना तो महाकौशल का पांर्टुना, सागर संभाग का निवाड़ी में भी सदस्यता को लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर नहीं आ रहा है. सूत्रों की मानें तो इन जिलों में सदस्यता की संख्या अन्य जिलों की अपेक्षा काफी कम है.
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जहां नर्मदापुरम एवं पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में सदस्य संख्या अपने लक्ष्य के करीब है तो हरदा और बैतूल में अभी लक्ष्य के तीस फीसदी सदस्य भी नहीं हो सके हैं. पार्टी संगठन ने इन दस जिलों में सदस्यता अभियान को गति देने के इरादे से अब संभाग प्रभारियों को मैदान में उतारा है. यहां संभाग प्रभारियों ने दो विधानसभा या मंडलों पर एक वरिष्ठ नेता को भेजने का निर्णय लिया है. साथ ही संभाग प्रभारियों ने भी शुक्रवार से इन जिलों में दौरे प्रारंभ कर दिए हैं.
शिवप्रकाश कर सकते हैं बैठक
इन दस जिलों में सदस्यता को लेकर पार्टी संगठन का आला नेतृत्व भी सक्रिय हो गया है. अभियान की समीक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा की जा रही है माना जा रहा है कि अगली समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय संह- संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी उपस्थित रह सकते हैं. इन दस जिलों में आगामी पंद्रह दिन में अगर सदस्यता में गति नहीं आती है तो संभाग प्रभारियों के सक्रिय कर दिया है.
विधायक, जिला अध्यक्ष और महापौर को दिया है लक्ष्य
सदस्यता अभियान को लेकर पार्टी ने विधायक, जिला अध्यक्ष एवं महापौर को सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है. ऐसे में जिन दस जिलों में अभियान कमजोर है उनमें अधिकांश क्षेत्र ऐसे हैं जहां कांग्रेस का प्रभाव है। इनमें पार्टुना, मुरैना प्रमुख है. विधानसभा चुनाव में भी यहां भाजपा को कड़ी टक्कर मिली थी. मऊगंज और पांढुर्ना को जिला बनाए जाने के बाद भाजपा को उम्मीद थी कि यहां पार्टी का सदस्यता अभियान अच्छा रहेगा लेकिन स्थानीय कार्यकर्ताओं के नाराज होने के चलते अभियान कमजोर पड़ गया. साथ ही इस क्षेत्र के विधायक, सांसद, महापौर, जिला अध्यक्ष को पार्टी संगठन को जवाब देना होगा