MP News: मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव करेंगे ब्यूरोक्रेसी की पहली बड़ी सर्जरी, तैयार हो रही लिस्ट!

MP News: पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव वीर राणा तमाम अफसर की रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई हैं.
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एमपी में प्रशासनिक फेरबदल की तैयारी

MP News: आने वाले सप्ताह में मोहन सरकार मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सर्जरी करने की तैयारी में है. इसे लेकर कई स्तर पर पैमाने तय किए जा रहे हैं. खासतौर पर उन अफसरों को लेकर, जो लंबे समय से एक ही विभाग में डटे हुए थे या जो केंद्र और राज्य की योजनाओं का बेहतर तरीके से जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन नहीं करा पा रहे थे.

मोहन यादव की अगुवाई में यह उनकी पहली अभी तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होने वाली है. इसमें उन बड़े अफसरों के नाम अभी तक निकल कर सामने आए हैं, जो पूर्ववर्ती सरकारों में सबसे पावरफुल अफसर के तौर पर देखे जाते रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान और स्कूली शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, प्रमुख सचिव दीपावली रस्तोगी वाणिज्य कर और आबकारी को लेकर फेरबदल का फैसला होना भी तय माना जा रहा है.

मुख्य सचिव तैयार कर रहीं रिपोर्ट

पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर प्रदेश की पहली महिला मुख्य सचिव वीर राणा तमाम अफसर की रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हुई हैं. इसे जल्द वे मुख्यमंत्री के साथ साझा करेंगी. साथ ही ऐसे अफसर की सूची भी तैयार की गई है जो या तो ओवरलोडेड हैं या जिनके पास कोई काम ही नहीं है.

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ये हैं जमे-जकड़े अफसर

मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव ने जो डिटेल रिपोर्ट तैयार की है, उस खाते में कई सालों से कुछ अफसर एक ही विभाग में जमे जड़े बैठे हैं. इनमें मोहम्मद सुलेमान को स्वास्थ्य विभाग में करीब पौने चार साल हो गए हैं. उनकी पोस्टिंग मई 2020 में हुई थी. सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव विनोद कुमार को भी 4 साल से ज्यादा का वक्त हो गया है. वहीं एक्साइज विभाग में दीपाली रस्तोगी को भी तकरीबन तीन साल का वक्त होने को है. यही स्थिति कमोबेश पर्यटन संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला की भी है.

दूसरी ओर, रश्मि अरुण शमी की स्कूल शिक्षा विभाग में 2018 में पोस्टिंग हुई थी, तभी से इस विभाग में हैं. ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे को पूरे 4साल हो गए हैं. इन सभी के नाम मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के साथ साझा करेंगी. यही नहीं मुख्य सचिव ने लूप लाइन में चल रहे अधिकारियों को भी मुख्यधारा में जोड़ने को लेकर काम शुरू कर दिया है, वो इस बात की चर्चा सीएम से करेंगी.

मौजूदा दौर में यह है स्थिति

हाल के दिनों में मध्य प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी कई अफसर ऐसे हैं जो काम के बोझ चले दबे हुए हैं, तो कोई बेकाम रोजाना हाजिरी लगाने का काम रहा है. अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल कृषि उत्पादन आयुक्त का प्रभार नर्मदा घाटी के अपर मुख्य सचिव एस एन मिश्रा और उद्यनिकी का प्रभार पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव सुखबीर सिंह को दिया गया है. एसीएस होम डॉक्टर राजेश राजोरा के पास धर्मस्व धार्मिक ट्रस्ट परिवहन को ट्राईबल रिसर्च का काम है. एक्स नर्मदा घाटी एसएन मिश्रा के पास एमपीसी अजा आजजा कल्याण की जवाबदेही है. दूसरी और सीएम के प्रमुख सचिव पद से हटा दिए गए मनीष रस्तोगी बिना काम बैठे हुए हैं.

शिकवे-शिकायत का भी चिट्ठा

मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट तैयार की है. उसमें किस अफसर की किसके साथ पटरी नहीं बैठी, किसकी क्या शिकवा-शिकायत है, किसकी क्या जांच चल रही है और कौन जांच में दोषी पाया जा रहा है… ऐसे तमाम बड़े अफसर की जानकारी भी वह इस बड़ी सर्जरी के होने के पहले सीएम मोहन यादव को देंगी. इसके बाद सीएम यादव अपनी सर्जरी को अमली जामा पहनकर अफसर के आदेश जारी करेंगे.

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