MP News: कोविड-19 में अस्थाई तौर पर कार्य करने के बाद निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला से की मुलाकात, संविदा नियुक्ति की मांग की
MP News: कोविड 19 महामारी के दौरान मध्यप्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था ठीक नहीं थी. प्रदेश में चिकित्सकीय मानव संसाधन की कमी थी और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था तो ठीक करने एवं मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश के द्वारा पूरे प्रदेश में अस्थाई रूप से आयुष, दंत चिकित्सक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन सहित अन्य सभी चिकित्सकीय दल की नियुक्ति जिला कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति के माध्यम से की गई थी.
बजट की कमी का दिया गया हवाला
अस्थाई रूप से आयुष, दंत चिकित्सक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन सहित अन्य सभी चिकित्सकीय दल के द्वारा कोविड केयर सेंटर, कोविड आईसीयु,कोविड सेम्पलिंग,कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्थानो में लगभग 2 वर्ष तक काम कराया गया था. अब दो वर्ष बाद बजट की कमी का बताकर पूरे प्रदेश भर से अस्थाई कोविड 19 आयुष चिकित्सक, स्टाफ नर्स,लैब टेक्निशियन सहित अन्य सभी चिकित्सकीय दल को निकाल दिया गया है. जिसके कारण कोविड जैसी भयानक महामारी में अपनी जान पर नौकरी करके लोगों की जान बचाने वाले अस्थाई कोविड 19 आयुष चिकित्सक स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन सहित अन्य सभी चिकित्सकीय दल आज बेरोजगार हो गया है.
कई महीनों से की जा रही मांग नही हो रही सुनवाई
पिछले कई महीनो से प्रदेश में आन्दोलन, धरना करके प्रदेश सरकार से न्याय कर सभी अस्थाई कोविड 19 आयुष दंत चिकित्सक, स्टाफ नर्स, लैब टेक्निशियन सहित अन्य सभी चिकित्सकीय दल को स्वास्थ्य विभाग में रिक्त पदों में सविदा नियुक्ति की माँग कर रहा है जिस पर सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया.
कई राज्यों की सरकारों ने नियुक्ति देने की कर दी है घोषणा
दरअसल, विगत दिनों देश के उत्तरप्रदेश,महाराष्ट्र,हरियाणा,पंजाब, बिहार राज्य की सरकार ने घोषणा की थी. कि कोवीड के दौरान कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति दी जाएगी. जिसके बाद अब मध्यप्रदेश कें लगभग 300 से अधिक कोरोना योद्धा डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला से मिले. ज्ञात हो कि लगातार प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मचारियों की भर्ती की जा रही है और कोरोना के समय कार्य करने वाले कोरोना योद्धाओ को बजट का हवाला देकर निकाल दिया गया है जिसके कारण प्रदेश के हजारों कोरोना योद्बाओ बेरोजगार हो गए है.