MP News: ‘जहरीली’ कफ सिरप कोल्ड्रिफ केस में एक और गिरफ्तारी, डॉक्टर की पर्ची के बिना बेची दवाई
कफ सिरप केस में बड़ी कार्रवाई
MP News: मध्य प्रदेश में ‘जहरीली’ कफ सिरप कोल्ड्रिफ से 25 मासूमों की जान चली गई. इस घटना ने पूरे देश में हलचल मचा दी. छिंदवाड़ा जिले के चौरई क्षेत्र में भी इसी कफ सिरप के सेवन से 4 साल की बच्ची अंबिका विश्वकर्मा की मौत हो गई थी. अब इस मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने डॉक्टर की पर्ची के बिना दवाई बेचने वाले मेडिकल स्टोर संचालक-फार्मासिस्ट को गिरफ्तार किया है. यह गिरफ्तारी इस मामले में 9वीं गिरफ्तारी है.
बच्ची को थी सर्दी-खांसी की शिकायत
जानकारी के मुताबिक चौरई क्षेत्र में रहने वाली 4 साल की बच्ची को अंबिका विश्वकर्मा को सर्दी-खांसी हुई थी. बेटी की तबीयत खराब होने पर पिता पास की आशीर्वाद मेडिकल स्टोर पहुंचे. जब उन्होंने सर्दी-खांसी की सिरप मांगी तो स्टोर संचालक ने कोल्ड्रिफ सिरप दे दी. इसके सेवन के बाद बच्ची की तबीयत खराब हो गई और फिर मौत.
जांच रिपोर्ट में पुष्टि के बाद एक्शन
इस मामले की जांच के बाद परीक्षण रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बच्ची की मौत COLDRIF SYRUP (बैच नं. SR–13) के सेवन से हुई. साथ ही रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सिरप में मिलावट थी.
ये भी पढ़ें- महज 9 रुपए के लिए बच्चों की जिंदगी का सौदा! डॉ. प्रवीण सोनी ने कबूली कमीशन की बात
आशीर्वाद मेडिकल स्टोर के संचालक/फार्मासिस्ट गिरफ्तार
पुलिस जांच में यह सामने आया कि यह सिरप मेडिकल स्टोर से बिना किसी डॉक्टर की पर्ची या प्रिस्क्रिप्शन के बेचा गया था, जो औषधि नियमों का सीधा उल्लंघन है. इस गंभीर लापरवाही के मामले में मृतिका के परिजनों के बयान और औषधि निरीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर स्टोर संचालक अनिल कुमार मिश्रा और फार्मासिस्ट अशोक कुमार मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है.
बता दें कि इस मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि करीब 90 रुपए में बिकने वाली कफ सिरप कोल्ड्रिफ की एक बोतल पर 9 रुपए का कमीशन मिलता था, जिस कारण डॉक्टर और मेडिकल स्टोर संचालक इसे बेचते हैं. बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में इसे बैन कर दिया गया है.