MP News: दमोह में श्मशान घाट तक जाना नहीं आसान, शव ले जाते समय नाले में डूब जाते हैं घुटने तक पैर, 10 साल में नहीं बदले हालात
MP News: देश दिल मध्यप्रदेश के दमोह में मरघट तक जाने की डगर भी अब आसान नहीं रही. ऐसा हम इसीलिए कह रहे हैं क्योंकि जिला मुख्यालय से करीब 40Km दूर सिंग्रामपुर गांव के ग्रामीणों को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कच्चे पथरीले रास्ते से होते हुए घुटने तक भरे नाले को पार करना पड़ रहा है. सूखे दिनों में तो जैसे तैसे लोग इस समस्या का सामना कर ही लेते हैं, लेकिन बरसात के दिनों में इस रास्ते के हालात बद से बत्तर हो जाता है.
मुर्दे के शव को मरघट तक ले जाने में संघर्ष
दरअसल, ये तस्वीरें प्रदेश में बैठी सरकार के विकास के दावों की झूठी पोल खोल रही है, कि आखिर किस कदर एक व्यक्ति की मौत हो जाने पर ग्रामीणों को उसकी शव यात्रा निकालते समय कच्चे, पथरीले रास्ते से होते हुए घुटने भर पानी से भरे नाले में से होकर मरघट तक पहुचना पड़ रहा है,और ये हालात आज के नहीं है बल्कि बीते 10 सालों से ग्रामीण इसी समस्या से जूझ रहे हैं.
टगांव के अखलेश जैन और रमेश राय का कहना है कि सूखे दिनों में तो जैसे तैसे मुर्दे के शव का अंतिम संस्कार हो जाता है, लेकिन बरसात के दिनों में काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है.सड़क के अभाव में मुर्दे के शव को पथरीले रास्ते से होते है,श्मशान घाट और कच्चे रास्ते के बीच बने गहरे नाले में उतरकर मरघट तक पहुचना पड़ता है.तब कही एक मुर्दे को आग नसीब हो पाती है.
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जिले में एक नहीं दो-दो है राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार
बता दें कि, पथरिया विधानसभा क्षेत्र से पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल और जबेरा विधानसभा क्षेत्र से वर्तमान विधायक और मोहन सरकार में धर्म धर्मस्व एवं पर्यटन न्यास मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी जोकि सिंग्रामपुर इलाके से ही आते हैं. जहां की अधिकांश ग्राम पंचायतों में बने मरघट के निर्माण कार्य में शासन ने लाखों करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा दिए ताकि मुर्दे को आसानी से आग नसीब हो सकें,लेकिन यहां के हालात कुछ ओर ही है.
बरसात के दिनों में पथरीली सड़क और कंधे पर शव लेकर घुटने भर पानी से भरे नाले में से होकर निकलते लोग जैसे तैसे मरघट तक पहुच जाते हैं.तो मरघट में टीनशेट तक नहीं है, यदि लगातार तेज बारिश हो जाये और गांव में कोई फौत (मृत ) हो जाये तो उसके शव को मरघट तक ले जाने के लिए गांव वालों को काफी सोचना पड़ता है.
मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को भी बताया गया था
ये सवाल सिर्फ प्रदेश सरकार से बस नहीं है,बल्कि पूर्व सांसद और वर्तमान में मोहन सरकार में मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से भी बनता है कि आखिर 10 सालो तक वे इस संसदीय क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद रहे है. लोगों की जन समस्याओं और गांव के चप्पे चप्पे से बाकिफ थे. इसके बाद भी सिंग्रामपुर के लोग आज भी समस्याओं से घिरे हुए हैं. जबकि उन्ही के संसदीय इलाके से 10 सालो तक सांसद रहे प्रहलाद सिंह पटेल मौजूदा मोहन सरकार में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री है…?