MP News: रीवा के इन खतरनाक जल कुंडों में लोगों की लगातार जा रही जान, 2 हफ्ते में 6 से ज्यादा गवां चुके जान
MP News: बरसात के दिनों में पिकनिक मनाने वालों की संख्या भी बढ़ जाती है. साथ ही खूबसूरत से मौसम और सुहानी वादियों का आनंद लेने के लिए लोग शहर से दूर निकल जाते हैं लेकिन कई बार उसे आनंद में हम अपनी सुरक्षा भूल जाते हैं और बड़े हादसे से हो जाते हैं. पिछले दो हफ्तों में रीवा जिलों में ऐसे हादसों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे स्थान जहां पानी ज्यादा रहता है वहां ऐसी घटनाएं ज्यादा हो जाती है. पढ़िए ये रिपोर्ट
रीवा में लगातार बढ़ रहे हादसों के कारण विस्तार न्यूज़ की टीम ने उस जगह का दौरा किया जहां पर घटनाएं बढ़ रही है. जिले के गोविंदगढ़ इलाके में पत्थरों के बीच खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है लेकिन यहां के गहने कुंड कई बार हादसों का बड़ा कारण बनते है. गोविंदगढ़ के खंधो का यह स्थान देवी माता मंदिर के लिए प्रसिद्ध है और यहां के गहने कुंड बरसात के दिनों में लबालब भर जाते हैं जिसको देखने वालों की संख्या तो बढ़ ही जाती है. साथ पर इस पर कूदने वाले और नहाने वालों की संख्या भी बढ़ती है अपनी जान को जोखिम में डालकर लोग इन गहरे कुंड पर छलांग लगाते हुए नहाते हुए दिख जाते है. इनमें कम उम्र के बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा है.
लगातार सामने आ रहे मामले
मंगलवार को ही नहाते हुए 29 वर्षीय सुजीत पटेल की डूबने से मौत हो जाती है सारी रात एनडीआरएफ की टीम लगे होने के बाद सुबह तक शाम नहीं मिलता क्योंकि पत्थरों के बीच शव फस गया था कड़ी मशक्कत के बाद सबको बाहर निकल गया. इसके अलावा अगर रीवा जिले में बात करें तो पिछले एक हफ्ते में कई ऐसी घटनाएं हुई है. जो लोगों की छोटी सी लापरवाही के कारण जान गंवानी पड़ी है. दो हफ्तों में लगभग 6 घटनाएं ऐसी हो चुकी हैं.
मंगलवार को मंनगवा के पकड़िया गांव में महान नदी पर संदीप विश्वकर्मा नाम के 36 साल के डूबने से मौत हो जाती है. तो वहीं 9 अगस्त को गोविंदगढ़ थाना क्षेत्र ही तमरा गांव में राजकुमार रजक की तीन बेटियां घर के समीप विशाल गड्ढे में पानी में उसे समय डूब गई जब नाग पंचमी में वह पुतरी बहाने गई थी जिसकी खबर विस्तार न्यूज़ ने आपको दिखाई थी. रीवा 8 अगस्त को रीवा जिले के ही गढ़ थाना अंतर्गत दो बच्चियों के डूब कर उसे समय मौत हो जाती है जब वह खेत में रोपा लगाने के लिए हाथ धोने के लिए नहर गई थी. वहीं नईगढ़ी में 13 वर्षी राहुल अहिरवार की एक बावली में डूबने से मौत हो जाती है
बढ़ी घटनाएं चितिंत कर रही
जिले में हुई यह घटनाएं पिछले 10 दिनों के अंदर हुई है. इतनी बड़ी संख्या में हुई हुई घटनाओं ने चिंतित कर दिया है और हमें सचेत भी किया है कि हमें सावधानी बरतनी की जरूरत है. गोविंदगढ़ के खधो में पिकनिक मनाने वालों की संख्या बहुत ज्यादा होती है कुंड के बगल से बने माता मंदिर के पुजारी बताते हैं कि यहां भारी संख्या में लोग आते हैं और अपनी जान की परवाह किए बिना छलांग लगाते हुए नहाते और इसके कारण 20 से अधिक इस कुंड में पिछली बरसात से अब तक जान जा चुकी है। यहां की स्थानीय बच्चे स्टंट करते हुए भी कुंड में देखे जाते हैं.
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चेतावनी के बावजूद नहीं मान रहे लोग
इन कुंडों के बगल में प्रशासन द्वारा एक बोर्ड लगाया गया है जिसमें लिखा है कि इस कुंड में कूदना या नहाना वर्जित है. लेकिन इस बात का पालन बिल्कुल नहीं हो रहा. इसके लिए प्रशासनिक तौर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है. जिसके कारण यहां बेहद कम उम्र के बच्चे अपनी जान की परवाह किए बिना छलांग लगाते है.
विस्तार न्यूज़ ने जब इनसे बात की तो इनका कहना था कि वह यहां के स्थानीय है उनको पता है कि यह कुंड कितना गहरा है और कहां पर उन्हें कूदता है इसलिए वह नहाते है लेकिन फिर भी कई बार ऐसी घटनाएं अप्रिय घटनाएं हो जाती हैं.
गोविंदगढ़ के थाना प्रभारी शिव अग्रवाल का कहना है कि गहरी कुंड है जो पत्थरों में लोगों की फंसने से कई बार मौत हो चुकी है. इसको लेकर बोर्ड लगाए गए हैं पुलिस की भी लगातार गस्त चलती रहती है लेकिन फिर भी यहां पर घटनाएं हो जाती हैं.