MP News:’धन कुबेर’ सौरभ शर्मा की नियुक्ति पर खुला बड़ा ‘राज’, नौकरी के लिए था अपात्र तो कैसे बदल गए नियम?
MP News: मध्य प्रदेश के ‘धन कुबेर’ पूर्व RTO कांस्टेबल सौरभ शर्मा को लेकर रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इस बीच अब सौरभ की नियुक्ति को लेकर बड़ा राज खुला है. जांच में सामने आया है कि परिवहन विभाग में सौरभ शर्मा के नियुक्ति पत्र और नियमों को दरकिनार कर नियुक्ति दी गई.
नियुक्ति में किया गया नियमों को दरकिनार
सौरभ शर्मा कि नियुक्ति को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. जांच में सामने आया कि सौरभ शर्मा के पिता राकेश शर्मा स्वास्थ्य विभाग में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. 2015 में उनकी मृत्यु के बाद सौरभ ने स्वास्थ्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया था, लेकिन वह नियुक्ति के लिए पात्र नहीं था. इस वजह से उसे नौकरी नहीं मिल सकी.
बदल गए नियम?
CMHO ने अधिकार न होने के बावजूद स्वास्थ्य आयुक्त से अनुरोध किया कि सहायक वर्ग-3 का पद रिक्त न होने की वजह से सौरभ को स्वास्थ्य विभाग के अलावा कहीं और नियुक्त करने की बात कही. इसके बाद 29 अक्टूबर 2016 को सौरभ शर्मा की भर्ती हुई थी. 10 जून 2023 को सौरभ शर्मा ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कैसे नियुक्ति के लिए नियम बदल गए.
क्या है सौरभ शर्मा केस ?
19 दिसंबर को लोकायुक्त की टीम ने सौरभ शर्मा के ठिकाने पर छापेमारी की थी. राजधानी भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में की गई कार्रवाई में 234 किलो चांदी और करीब 8 करोड़ रुपए बरामद किए गए थे. इसके बाद दूसरी एजेंसियों ने सौरभ पर शिकंजा कसा. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इसके साथ ही DRI ने भी मामले दर्ज किया था.
जंगल से मिला 54 किलो सोना
छापेमारी के कुछ दिनों बाद भोपाल के मेंडोरी जंगल में 54 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए कैश मिले थे. इस मामले में जब आयकर विभाग की जांच आगे बढ़ी तो एक डायरी और कुछ दस्तावेज मिले, जिससे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए. इस मामले में आयकर विभाग की बड़े पैमाने पर छापेमारी के बाद जांच जारी है.
डायरी में 100 करोड़ रुपए के लेन-देन का जिक्र है. इसमें प्रदेश के 52 जिलों के RTO अधिकारियों को पैसे देने की बात है. किस अधिकारी को कितना पैसा दिया गया, इसका भी लेखा-जोखा है