World Sickle Cell Day पर एमपी में होगा भव्य आयोजन, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे शिरकत

MP News: डिंडोरी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 2 लाख 2 हजार 178 लोगों का परीक्षण किया है. जिनमें से सिकल सेल के 11 हजार 559 वाहक है.इनमें 1963 मरीज चिह्नित किए गए है.
World Sickle Cell Day celebration will be held on June 19 at 10 am at Chandra Vijay Mahavidyalaya ground in Dindori.

डिंडोरी के चंद्र विजय महाविद्यालय मैदान पर 19 जून को सुबह 10 बजे से विश्व सिकल सेल दिवस समारोह होगा.

World Sickle Cell Day: सिकल सेल दिवस को लेकर मध्यप्रदेश में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है जिसमें देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल होंगे. आदिवासी बहुल जिले डिंडोरी में आयोजित होने वाले इस समारोह में राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी शिरकत करने जा रहे हैं.

19 जून को कार्यक्रम का आयोजन

डिंडोरी के चंद्र विजय महाविद्यालय मैदान पर 19 जून को सुबह 10 बजे से विश्व सिकल सेल दिवस समारोह होगा. इस दौरान स्वास्थ्य, आयुष, महिला और बाल विकास, आदिवासी विकास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. कार्यक्रम स्थल चंद्र विजय महाविद्यालय मैदान की वायु सेना के हेलीकाप्टर निगरानी कर रहे है. पूरे शहर में सुरक्षा बल तैनात कर दिया गया है.पुलिस मैदान में ही हैलीपेड बनाया गया है.

डिंडोरी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 2 लाख 2 हजार 178 लोगों का परीक्षण किया है. जिनमें से सिकल सेल के 11 हजार 559 वाहक है.इनमें 1963 मरीज चिह्नित किए गए है. जिले के अमरपुर ब्लॉक में सिकल सेल के सबसे ज्यादा 4871 वाहक और 1150 पीड़ित है.

प्रदेश के 20 जिलों के 42 आदिवासी गावों में फैल चुकी है बीमारी

गौरतलब है कि प्रदेश के 20 जिलों के 42 आदिवासी गांवों सिकल सेल एनीमिया बीमारी अपने पैर पसार चुकी है. पीढ़ी दर पीढ़ी परिवार को अपनी जकड़ में लेने वाली घातक बीमारी सिकल सेल एनीमिया को हराने में अब राज्य के विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभा रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में विश्वविद्यालयों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही उन्हें उचित इलाज भी मुहैया कराया जा रहा है. ग्रामीणों की सैंपलिंग के साथ ही उनके इलाज की व्यवस्था की जा रही है. जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय की ही बात की जाए तो विश्वविद्यालय ने मंडला जिले के 5 गांव को गोद लिया है, जिनमें करवानी,औरैया, समनापुर, जमुनिया और धोबी गांव शामिल हैं. यहां विशेष शिविर लगाकर अभी तक 75 लोगों के नमूने लिए जा चुके हैं और उन्हें उचित दवाइयां भी उपलब्ध कराई गई है.

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वंशानुगत बीमारी है सिकल सेल एनीमिया

दिलचस्प बात तो यह कि सिकल सेल एनीमिया की बीमारी वंशानुगत है. परिवार में एक सदस्य के इसकी जकड़ में आने के बाद दूसरे सदस्य भी धीरे-धीरे बीमारी की चपेट में आ जाते हैं लेकिन जब तक परिजनों को इसकी खबर लगती है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है. लिहाज़ा जागरूकता के जरिये आदिवासी परिवारों को सिकल सेल एनीमिया की बीमारी से दूर रखा जा सकता है. सिकेल सेल एनीमिया एक प्रकार का रक्‍त विकार है जिसमें लाल रक्‍त कोशिकाएं सी शेप, अर्धचंद्राकार या सिकेल शेप में बदल जाती हैं। बच्‍चों को भी यह बीमारी घेर लेती है.

बता दें कि, विश्व सिकल सेल दिवस एक अंतरराष्ट्रीय जागरूकता दिवस है जिसे हर साल 19 जून को मनाया जाता है , ताकि वैश्विक जनता को सिकल सेल रोग के बारे में सचेत किया जा सके. विभिन्न वैश्विक और स्थानीय संगठन इस दिन जागरूकता अभियान और गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आते हैं जो सिकल सेल रोग के शुरुआती निदान, इसके उपचार और बीमारी से बचने के लिए निवारक सुझावों की आवश्यकता को पहचानते हैं.

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