MP News: आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के सरकारी स्कूल में छाता लगाकर पढाई कर रहे छात्र, जानिए पूरा मामला

MP News: प्राचार्य ने बताया की वे 2022 से लगातार हाईस्कूल भवन निर्माण कराने एवं खंडहर हो चुके मिडिल स्कूल भवन की मरम्मत के लिए वरिष्ठ अधिकारीयों से पत्राचार कर रहे हैं लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं.
Viral photo: Students are studying with umbrellas.

वायरल फोटो छात्र छाता लगाकर पढ़ाई कर रहे है.

अनिल साहू-

MP News: मध्यप्रदेश में आदिवासी बाहुल्य डिंडौरी जिले के एक सरकारी स्कूल में क्लासरूम के अंदर छाता लगाकर पढाई करने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा था. वायरल वीडियो की हकीकत जानने विस्तार न्यूज की टीम चांदपुर गांव के उसी सरकारी स्कूल में पहुंची,और देखा की वाकई स्कूल की हालत बेहद जर्जर है. दरअसल, लंबे समय से स्कूल के मरम्मत के लिए पत्र लिखा जा रहा है लेकिन जिम्मेदारों ने इस और ध्यान ही नही दिया. अब अधिक बारिश के कारण स्कूल के छत से पानी टपक रहा है.

सरकारी स्कूल के भवन हो चुका जर्जर

अमरपुर विकासखंड अंतर्गत चांदपुर गांव के सरकारी स्कूल का वीडियो जमकर वायरल हुआ. वायरल वीडियो में स्कूल के अंदर क्लासरूम में स्कूली छात्र छाता लगाकर पढ़ते हुए नजर आ रहे हैं और इस वायरल वीडियो की हकीकत जानने के लिए विस्तार न्यूज की टीम चांदपुर गांव के उस सरकारी स्कूल पहुंची जहां हमें बच्चे छाता लगाकर पढ़ते हुए तो नजर नहीं आये लेकिन खंडहर में तब्दील हो चुके इस स्कूल भवन की टपकती हुई छत ने शिक्षा विभाग के तमाम दावों की पोल जरूर खोल दी. स्कूल भवन की छत पूरी तरह से खराब हो चुकी है लिहाजा छत में जगह जगह से पानी टपकते रहता है जिसके कारण फर्श भी गीला रहता है.  छत का मलबा किसी भी वक्त उखड़ उखड़कर नीचे गिरता है जिससे हादसे की संभावना बनी रहती है.

हैरान करने वाली बात यह है की चांदपुर गांव में करीब पांच साल पहले हाईस्कूल का उन्नयन कर दिया गया था. लेकिन आजतक हाई स्कूल भवन का निर्माण शुरू भी नहीं किया जा सका है जिसके कारण मिडिल स्कूल के भवन में ही हाईस्कूल का संचालन किया जा रहा है. खंडहर हो चुके इस भवन में ही मिडिल व हाईस्कूल का संचालन सालों से किया जा रहा है जिसकी जानकारी जिले के जिम्मेदार अधिकारीयों को भी है लेकिन ऐसा लगता है मानो अधिकारी किसी हादसे का इंतज़ार कर रहे हैं.

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अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान

मिडिल व हाईस्कूल मिलाकर छात्रों की दर्ज़ संख्या 150 के करीब है और इस स्कूल में न सिर्फ चांदपुर बल्कि आसपास के चार पांच गांवों से बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. स्कूल के प्राचार्य ज्ञानचंद नागेश्वर से जब हमने क्लासरूम के अंदर छाता लगाकर पढ़ते हुए वायरल वीडियो के मामले में जानना चाहा. तो उन्होंने बताया की कल यानी 25 जुलाई को तेज बारिश के कारण क्लासरूम के अंदर छत में जगह जगह से पानी टपक रहा था जिसके कारण क्लासरूम के अंदर बच्चे छाता लगाकर पढ़ रहे थे साथ ही उन्होंने यह भी बताया की बारिश के मौसम में इस भवन के अंदर पढ़ाने में उन्हें खुद भी बहुत डर लगता है क्योंकि भवन की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है. छत में जगह जगह से पानी टपकता है और छत के कालम भी झुक गये हैं. भवन की दुर्दशा के कारण बारिश के मौसम में छात्र स्कूल आने से कतराते हैं और पढाई भी प्रभावित होती है.

प्राचार्य ने बताया की वे 2022 से लगातार हाईस्कूल भवन निर्माण कराने एवं खंडहर हो चुके मिडिल स्कूल भवन की मरम्मत के लिए वरिष्ठ अधिकारीयों से पत्राचार कर रहे हैं लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा सुमंत्रा बनवासी से जब हमने स्कूल भवन की हालत को लेकर बात की तो उसने बताया की सभी बच्चे घर से छाता लेकर स्कूल आते हैं और जब बारिश तेज होने के कारण छत से ज्यादा पानी टपकने लगता है तब वे खुद को एवं किताबों को बचाने के लिए छाता लगा लेते हैं.

अधिकारी पहुंचे स्कूल और करने लगे निरीक्षण

चांदपुर गांव के स्कूल में मीडिया के मौजूदगी की जानकारी लगते ही विकासखंड शिक्षा अधिकारी वी के चीचाम भी चांदपुर स्कूल पहुँच गए और खंडहर हो चुके भवन का निरीक्षण करने लगे जैसे उन्हें कुछ मालूम ही नहीं हो. विकासखंड शिक्षा अधिकारी से जब हमने खंडहर भवन में दो दो स्कूलों के संचालन करने को लेकर सवाल किये तो वे गोलमोल बातें कर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ते हुए नजर आये. अब आंकड़ों की मुताबिक जिले भर की बात की जाए तो डिंडोरी में करीब 620 स्कूल ऐसे हैं जो जर्जर हालत में है जिसे तुरंत मेजर रिपेयरिंग की जरूरत है, इसके अलावा करीब 137 स्कूल ऐसे हैं जो की खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. इससे अब अंदाजा लगाया जा सकता है की डिंडोरी जिले की शिक्षा व्यवस्था कैसी है..?

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