MP News: मूसलाधार बारिश के कारण तालाब में तेज रिसाव से ग्रामीणों की चिंता बढ़ी, दमोह के आधा दर्जन ग्रामों में अलर्ट
MP News: मध्यप्रदेश के दमोह में बीते 50 घण्टो से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते चारों तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है.अगर बदरा अगले 24 घण्टे तक यू ही बरसते रहे तो जिला प्रशासन को मजबूरन दर्जन भर से ज्यादा इलाकों को खाली कराना पड़ सकता है.
ताजा तस्वीरे तेन्दूखेड़ा ब्लॉक के धनगौर ग्राम की है,जहां भारी बारिश के चलते तालाब की पार से तेज रिसाव हो रहा है.हालांकि ये घटना दिन गुरुवार देर शाम की बताई जा रहा है,जिसकी जानकारी लगते ही एसडीएम अविनाश रावत सहित जलसंसाधन विभाग के उपयंत्री शुभम अग्रवाल मौके पर पंहुचे और रेत, गिट्टी, सीमेंट से तालाब की पार में हुए गड्ढे को भरने के लिए अधिकारियों द्वारा तमाम कोशिशें की गई लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि प्रशासन की तमाम कोशिशों पर पानी फिर गया.
कहीं फूट ना जाये तालाब, इसीलिए आधा दर्जन गांवो में हाई अलर्ट
तेंदूखेड़ा जनपद अंतर्गत सिंचाई विभाग के बने आधा दर्जन से ज्यादा तालाब ऐसे है,जो ब्रिटिश कालीन है. जिनकी मरम्मत का कार्य आज तक नहीं हो सका जिसका पहला खामियाजा 25 जुलाई वर्ष 2023 को पौड़ी ग्राम सहित करीब 1 दर्जन गांव के लोगों को चुकाना पड़ा था. जब पौड़ी जलाशय फूटने से चारो तरफ तबाही मची हुई थी.दर्जनों कच्चे मिट्टी के मकान पानी के तेज बहाव में ढह गये,लोगों के घरों में रखा लाखों रुपये का अनाज,घर ग्रस्ति का सामान तालाब का पानी बहाकर लें गया. देखरेख के अभाव में ताजा तस्वीरें बांदीपुरा गांव में बने जलाशय की है, जो खुद ही अपने हालातों को बयां कर रही हैं कि आखिर किस कदर लापरवाह सिंचाई विभाग अपनी जिम्मेदार से मुहं मोड़ लेता है.
ये भी पढ़ें: बैरसिया में स्कूली बच्चियों को ब्लैकमेल करने पर हंगामा, हिंदू संगठनों का बड़ा प्रदर्शन, चार घंटे बंद रहीं सड़कें
जल्द नहीं रुका रिसाव तो ग्रामीणों की बढ़ सकती है परेशानी
प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने तालाब में हो रहे थे रिसाव के चलते करीब आसपास के आधा दर्शन गांव में अलर्ट जारी किया है. बात की जाए धनगौर तालाब में 0.81 मिलियन क्यूविक मीटर पानी भरा हुआ है. जिससे खरीफ और रवि की कुल 318 हेक्टयर भूमि सिंचित होती है. यदि प्रशासन जल्द इस गड्ढे को भरने में सफल नहीं हुआ तो यह तालाब भी पौड़ी जलाशय की तरह फूटने की कगार पर है. नए तालाबों की हकीकत किसी से छुपी नहीं है जो महज कुछ महीनो में फूट जाते हैं, यदि इन पुराने तालाबों को संरक्षित नहीं किया गया तो आगे चलकर बुंदेलखंड अंचल के लोग फिर से प्यासा हो जायेगे जिसके लिए जिम्मेदार सिंचाई विभाग और प्रशासन होगा.