MP News: छिंदवाड़ा के जमकुंडा में शर्मसार करने वाली तस्वीर आई सामने, नहीं हुआ शेड का निर्माण, तिरपाल लगाकर कर रहे अंतिम संस्कार
मुकेश तिवारी-
MP News: छिंदवाड़ा जिले से प्रशासन की पोल खोलने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां गुढ़ी अंबाड़ा समीपस्थ ग्राम पंचायत जमकुंडा के ग्रामीणों को सरकार की जन कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जमकुंडा में श्मशान घाट मोक्षधाम में शेड नहीं होने के कारण ग्रामीणो को खुले आसमान के नीचे दाह संस्कार करना पड़ रहा है.
बीते दिन ग्राम के रंजीत पिता हजारीलाल खरे की बीमारी के कारण मौत हो गई. अंतिम संस्कार करने के लिए शेड न होने के कारण बारिश की वजह से ग्रामीण एवं परिजनों ने तिरपाल लगाकर मृतक का अंतिम संस्कार पांच वर्ष की पुत्री प्रियांशी द्वारा किया गया इस दौरान लगातार होती रही बारिश में सब भीगते नजर आये.
9 वार्डों के लिए नहीं है कोई व्यवस्था
ग्राम पंचायत जमकुंडा मुख्य मार्ग पर स्थित है यहां पंचायत द्वारा 9 वार्डों के लिए मोक्षधाम एवं शेड की व्यवस्था नहीं बनाया गया यहां के ग्रामीणों द्वारा पंचायत भवन के पीछे दाह संस्कार किया जाता है. उपसरपंच राकेश खरे का कहना है कि अनेको बार मांग की गई लेकिन मोक्षधाम में शेड का नहीं बनाया गया जिससे वजह से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं.
भूमि का आवंटन भी नहीं
जमकुंडा पंचायत में 13 वार्ड है 4 वार्ड भाडरी में आते है और 9 वार्ड ग्राम जमकुंडा में है जिसकी आबादी लगभग 13 सौ से अधिक है उपसरपंच सहित ग्रामीण दीपक कुमरे, विजय इवनाती, मनीराम ब्रह्मवंशी,देवेन्द्र नागवंशी का कहना है. कि यहाँ मोक्षधाम के लिए भूमि का आवंटन भी नहीं है. जबकि शासन द्वारा मोक्षधाम की व्यवस्था हेतु राशि आवंटित की जाती है. लेकिन यहां पंचायत की लापरवाही का खामियांजा ग्रामीण भुगत रहे हैं. जिसके कारण वार्डवासी एवं ग्रामीण में भारी आक्रोश है.
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मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे ग्रांमीण
पंचायत की मनमानी एवं निर्माण कार्य में पानी की तरह पैसा बहाते देखा जा सकता हैं. लेकिन मूलभूत समस्याओं का समाधान नही किया जाता. पंचायत के जिम्मेदार अपने स्वार्थ और आर्थिक लाभ कमाने के जुगाड में लगे रहते हैं. मनमानी अपने हितो के प्रस्ताव एवं लाभ के बिल पारित कर विकास के नाम पर पलीता लगा रहे हैं. जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण जमकुंडा पंचायत में आजादी के बाद भी अगर मोक्षधाम श्मशान घाट के लिए भूमि एवं शेड का न होना है.
शमशान घाट के लिए भूमि एवं शेड का न होना दुर्भाग्यपूर्ण
यहां इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा वन विभाग की जमीन पर पंचायत भवन के पीछे मुख्य सड़क मार्ग के मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर शेड न होने के कारण ग्रामीणों के द्वारा वन विभाग की जमीन पर आस्थाई रूप से भारी बारिश में तिरपाल लगाकर मृतक रंजीत खरे का अंतिम संस्कार पांच वर्ष की पुत्री को करना पड़ा. क्या ये तस्वीर देखने के बाद पंचायत एवं शासन प्रशासन के नुमाईंदे की आत्मा को शर्मसार नही करती है.