MP News: इस गाँव मे नहीं होती माँ दुर्गा प्रतिमा की स्थापना, स्वयंभू माता हुई थीं प्रकट

MP News: मंदिर का इतिहास मां इच्छादेवी मंदिर के पुजारी देविदास के अनुसार यहां कई पीढ़ी अपनी सेवाएं दे रही हैं. एमपी महाराष्ट्र सीमा पर स्थित ग्राम इच्छापुर में मां इच्छादेवी का प्राचीन मंदिर है.
In Ichhapur village, Durga idol is not installed in the entire village during Sharadiya Navratri.

इच्छापुर गाँव मे शारदीय नवरात्रि मे दुर्गा प्रतिमा की पूरे गाँव मे स्थापना नहीं होती है.

MP News: बुरहनपुर के इच्छापुर गाँव मे शारदीय नवरात्रि मे दुर्गा प्रतिमा की पूरे गाँव मे स्थापना नहीं होती है, इसका एक बड़ा कारण है. इच्छापुर गाँव मे स्वयंभू माँ इच्छा देवी प्रकट हुई थी. तभी इस इस गाँव मे दुर्गा प्रतिमा की स्थापना नहीं हुई है.

गांव वालों का दावा- स्वयं प्रकट हुई थी मूर्ति

मंदिर ट्रस्ट संचालक के अनुसार इच्छापुर देवी स्वयंभू है. एक भक्त के वरदान मांगने पर आज से करीब 500 साल पहले वह मूर्ति के रूप में यहां स्वयं प्रकट हुई थीं. भक्त की इच्छा पूरी हुई तभी से इस गांव का नाम इच्छापुर पड़ा. खास बात यह कि इच्छापुर शक्तिपीठ होने गांव के किसी भी घर में या सार्वजनिक स्थानों पर नवरात्र के दौरान दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की जाती. इच्छापुर के अलावा आसपास में ग्राम वारोली, भोटा, लेकिन कहीं भी नवरात्र में मूर्ति स्थापना नहीं होती. सभी भक्त इच्छादेवी मंदिर ही दर्शन, पूजा, अर्चना के लिए पहुंचते हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, आंध प्रदेश, तमिलनाडु सहित देशभर के अन्य हिस्सों से भक्त यहां पहुंचते हैं.

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यह है मंदिर का इतिहास

यह है मंदिर का इतिहास मां इच्छादेवी मंदिर के पुजारी देविदास के अनुसार यहां कई पीढ़ी अपनी सेवाएं दे रही हैं. एमपी महाराष्ट्र सीमा पर स्थित ग्राम इच्छापुर में मां इच्छादेवी का प्राचीन मंदिर है. इस देवस्थान को तीर्थ क्षेत्र की गरिमा प्राप्त है. देवालय 450-500 साल पुरातन है. इसका निर्माण कार्य एक मराठा सूबेदार ने किया था. यहां 125 फीट ऊंचाई पर पहाड़ी पर मंदिर बना है. देवालय पहुंचने के लिए 176 सीढियां बनी है. इसका निर्माण बुरहानपुर के सरदार भुस्कुट्टे ने कराया था. 1984 में मां इच्छादेवी ट्रस्ट का गठन हुआ था, तब से यहां ट्रस्ट सारी व्यवस्थाएं संचालित करता है.

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