MP के प्रसिद्ध गणेश मंदिर; सीहोर का 2 हजार साल पुराना मंदिर जहां उल्टा स्वास्तिक बनाने से पूरी होती है मनोकामना
MP News: मध्यप्रदेश में गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. प्रदेश में कई सारे गणेश मंदिर हैं. इंदौर के खजराना गणेश, चिंतामन गणेश और बड़ा गणपति; उज्जैन के चिंतामन गणेश, बड़ा गणेश समेत मध्यप्रदेश में कई सारे गणेश मंदिर हैं. मालवा से लेकर विंध्य तक और चंबल से लेकर सतपुड़ा तक भगवान गणेश की पूजा की जाती है. इन मंदिरों के अलावा एमपी में और भी कई सारे फेमस गणेश मंदिर हैं जिनमें सीहोर के चिंतामन गणेश, विदिशा के बाढ़ वाले गणेश और खंडवा के सिद्धिविनायक चिंतामण गणेश. आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में…
बाढ़ वाले गणेश मंदिर: विदिशा
भोपाल से सटे विदिशा जिला में एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है जिसे बाढ़ वाले गणेश के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर की कहानी अनोखी और निराली है. इस मंदिर के बनने के पीछे एक कहानी है. जिस जगह आज मंदिर है पहले यहां गणेश उत्सव में मिट्टी के भगवान गणेश की मूर्ति रखी जाती थी. गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती थी.
एक बार की बात है भगवान गणेश की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन की गई. कुछ दिनों बाद बाढ़ आ गई. बाढ़ में शामियाना और दूसरी चीजें बह गईं लेकिन मूर्ति जैसी स्थापित की गई थी वैसी ही रही. इसके बाद यहां एक गणेश मंदिर बनाकर यहां भगवान गणेश की प्राण प्रतिष्ठा की गई. यहां स्थापित भगवान गणेश के इस मंदिर को बाढ़ वाले गणेश का नाम दिया गया. ये पूरी घटना साल 2005 में घटी.
जिस साल ये घटना घटी उस साल वीणा वाले गणेश की मूर्ति स्थापित की गई थी. आज मंदिर में भगवान गणेश के साथ-साथ रिद्धि और सिद्धि भी विराजमान हैं. भगवान गणेश वीणा पकड़े हुए हैं. ये विदिशा का इकलौता मंदिर है जहां 24 घंटे सुरक्षा में पुलिस तैनात रहती है. जितना सुंदर भगवान गणेश का मंदिर है उतनी सुंदर लोकेशन भी है. ये मंदिर बेतवा नदी के किनारे स्थित है.
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चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर- सीहोर
सीहोर जिले में स्थित है प्रसिद्ध चिंतामन सिद्ध गणेश मंदिर. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना आज से लगभग दो हजार साल पहले राजा विक्रमादित्य ने की थी. इसी कारण से पहले सीहोर को सिद्धपुर के नाम से जाना जाता था. सिद्धपुर से बाद में ये सीहोर बन गया. इस मंदिर के बारे में कई मान्यताएं और कहानियां हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि पेशवा बाजीराव ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. इस मंदिर के सभागृह का निर्माण करवाया.
इस मंदिर में स्थापित भगवान गणेश की मूर्ति के बारे में रोचक बात ये है कि आधी मूर्ति जमीन में धंसी है. जिस जगह आज मंदिर है यहीं पर भगवान गणेश की मूर्ति मिली थी. मूर्ति को निकालने का प्रयास किया लेकिन मूर्ति नहीं निकली. तब मूर्ति को यहीं स्थापित कर दिया गया. यहां मनोकामना पूरी करने के लिए लोग मंदिर की दीवार पर उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं. जब मान्यता पूरी हो जाती है तो सीधा स्वास्तिक बनाते हैं.
सिद्धि विनायक चिंतामन मंदिर- खंडवा
निमाड़ अंचल में भगवान गणेश की पूजा धूमधाम से की जाती है. खंडवा में भगवान गणेश के कई मंदिर हैं. इनमें से एक मंदिर सिद्धि विनायक चिंतामन गणेश मंदिर है. खंडवा शहर के सराफा इलाके में स्थित ये मंदिर अपने आप में कई सारी खूबियां लिए हुए है. ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित मूर्ति 700 साल पुरानी है. भगवान गणेश की ये मूर्ति 85 डिग्री के कोण पर झुकी है जो अद्वितीय है. शायद ये भगवान गणेश की इकलौती मूर्ति है जो इस अवस्था में है.
ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश को हर बुधवार को घी, चोला और जल चढ़ाने से मनोकामना पूरी होती है. मान्यता पूरी होने पर श्रद्धालु भगवान गणेश को चांदी की परत चढ़ाते हैं. गणेश उत्सव के समय यहां भक्तों का तांता लगा रहता है.