MP News: सड़क पर घूमते आवारा पशुओं पर अब कोर्ट सख्त, हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने 9 जिला कलेक्टरों से 4 सप्ताह में मांगा जवाब
MP News: ग्वालियर में सड़कों पर घूमते आवारा पशुओं की भरमार और उनके द्वारा किये जाने जानलेवा हमलों और डॉग बाइट की बढ़ती संख्या को लेकर अब कोर्ट भी सख्त नजर आ रहा है. एमपी हाईकोर्ट की ग्वालियर खण्डपीठ ने अपने न्यायिक क्षेत्र में आने वाले 9 जिलों के कलेक्टरों को इस मामले में नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में इस मामले पर जवाब मांगा है. यह नोटिस एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद देने के निर्देश दिए जिसमे जिम्मेदार अफसरो से इस समस्या की रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की गई है.
सिर्फ जानवरो को मारकर भगा देना समस्या का समाधान नहीं
यह याचिका एडवोकेट अवधेश भदौरिया ने वर्ष 2021 में दायर की थी. 22 सितम्बर 2021 को इसमे नोटिस जारी हुए लेकिन उसके बाद इसमे सुनवाई नही हुई. इसके बाद याचिकाकर्ता ने जिम्मेदार अफसरों से 2021 से अब तक हुए डॉग बाइट केस की संख्या बताने की मांग की गई. इस केस की सुनवाई के दौरान याची और अन्य एडवोकेट ने कहा कि आवारा पशुओं की समस्या काफी गम्भीर है जिससे लोगों की जान खतरे में पड़ रही है. इस पर जस्टिस आनंद पाठक ने कहा कि इस केस के दो पहलू हैं इसमे हमे जानवरो को स्थानांतरित करने के साथ साथ इंसानों को बचाना भी है. उन्होंने कहा ध्यान रखें सिर्फ जानवरो को मारकर भगा देना इस समस्या का समाधान नही हो सकता. उन्हें ह्यूमन राइट नही हैलेकिन उन्हें राइट टू लाइफ (जीने का अधिकार ) तो है. यह भी ध्यान दें कि हमने उनके आशियाने पर अतिक्रमण कर लिया है.
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आवारा पशुओं की वजह से गई दो लोगों की जान
बता दें, आवारा पशुओं को लेकर अगर ग्वालियर की ही बात करें तो सिर्फ आठ माह में ही यहां आवारा सांड के प्रहार से दो राहगीरों की जान जा चुकी है. 12 फरवरी को गोल पहाड़िया पर रहने वाले मुंशी सिंह कुशवाह पर सांड ने हमला कर दिया था जिससे घायल होने के बाद उनकी मौत हो गई थी. इसी तरह शहर में आवारा डॉग का जबरदस्त आतंक है. हालात ये है कि यहां हर साल लगभग बीस हजार से ज्यादा राहगीर डॉग बाइट के शिकार होते है जिनमे से अनेक की जान भी चली जाती है.