MP News: कांग्रेस को ‘हिंदू विरोधी’ बताकर आनंद शर्मा ने छोड़ी पार्टी, थामा बीजेपी का दामन, बोले- जो राम का नहीं, वो किसी का नहीं

MP News: आनंद शर्मा ने कहा, "कांग्रेस के फैसले के कारण मैं अपने पड़ोसियों से आंख नहीं मिला पा रहा हूं."

आनंद शर्मा : Google

MP News: ‘जो राम का नहीं हुआ, वो किसी का नहीं हो सकता…’ अपनी ही पार्टी के विरोध में ये बातें ग्वालियर कांग्रेस के उपाध्यक्ष आनंद शर्मा ने कही हैं. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में पार्टी के बड़े नेताओं के न शामिल होने पर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया. आनंद शर्मा कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. आनंद शर्मा ने कांग्रेस पर हिंदुओं के अपमान का आरोप भी लगाया है.

दरअसल, आनंद शर्मा ग्वालियर में कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं. वो तीन बार कांग्रेस से पार्षद रह चुके हैं. लेकिन अब उन्होंने पार्टी से 48 साल पुराना रिश्ता तोड़ दिया है क्योंकि कांग्रेसे के शीर्ष नेता 22 जनवरी को अयोध्या जाने से इनकार कर रहे हैं.

‘पानी सिर से ऊपर आ गया है’

आनंद शर्मा ने पार्टी से इस्तीफा देते हुए कहा, “मैं प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. मैंने पार्टी में रहकर बहुत कुछ सहन किया है. मगर अब पानी सिर से ऊपर हो गया है. मैं इंदिरा गांधी के समय से पार्टी से जुड़ा था और राजीव गांधी के आदर्शों को अपनाकर पार्टी को आगे बढ़ाने में मदद कर रहा था, लेकिन अब ये संभव नहीं है क्योंकि कांग्रेस अब पहले जैसी नहीं रही है.”

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‘हिंदुओं का अपमान हुआ’

आनंद शर्मा ने लिखा, “मुझे कई बार अपमानित किया गया, मगर मैंने कभी शिकायत नहीं की. जब मैं महामंत्री था तो एक विधायक के दबाव के चलते हटा दिया गया. पार्टी ने मुझे जिला प्रवक्ता बनाया लेकिन अधिकार नहीं दिए. फिर भी मैंने कभी पार्टी लाइन से हटकर काम नहीं किया. मगर अब जब बड़े नेताओं ने राम मंदिर जाने से इनकार कर दिया है, तो यह मुझे स्वीकार्य नहीं है. ये करोड़ों हिंदुओं का अपमान है. जब पार्टी के लोगों ने कहा कि वो प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे, तो मन में बेचैनी हुई. मैं किन लोगों के साथ काम कर रहा हूं. जो मेरे भगवान का सम्मान नहीं करते हैं, उनके साथ मैं कैसे रह पाऊंगा. इसलिए पार्टी छोड़ना ही ठीक समझा.”

‘पड़ोसियों से आंख नहीं मिला पा रहा’

आनंद शर्मा ने कहा, “कांग्रेस के फैसले के कारण मैं अपने पड़ोसियों से आंख नहीं मिला पा रहा हूं. लोग मुझसे पूछते हैं कि कांग्रेसी राम मंदिर से क्यों दूर हैं. मेरे पास उनके सवालों का जवाब नहीं होता है. इसलिए जो पार्टी राम की नहीं है, वह किसी काम की नहीं है.”

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