Gwalior में तैयार हो रहे स्मार्ट इंटर स्टेट बस टर्मिनल के उद्घाटन होने से पहले ही घोटाला!, निर्धारित कास्ट से ज्यादा का निर्माण कराया

Gwalior News: इस वेरिएशन को लेकर अब अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन वास डेवलपमेंट की टीम जांच कर रही है इसी वेरिएशन के कारण फिलहाल बस टर्मिनल का बचा हुआ काम बंद पड़ा हुआ है.
Gwalior Inauguration of Smart Inter State Bus Terminal

स्मार्ट इंटर स्टेट बस टर्मिनल

Gwalior News: ग्वालियर में तैयार हो रहे स्मार्ट इंटर स्टेट बस टर्मिनल के उद्घाटन होने से पहले ही घोटाले के कटघरे में आ गया है. बस टर्मिनल की निर्धारित कास्ट से ज्यादा का निर्माण कार्य मौके पर कर दिया गया वह भी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने तब बताया. जब काम पूरा हो चुका है. अब प्रोजेक्ट की कास्टिंग में लगभग 14 करोड रुपए का वेरिएशन आ रहा है. स्मार्ट सिटी के अधिकारी नियम अनुसार बजट बढ़ाने का दावा कर रहे हैं लेकिन यह नहीं बता पा रहे कि यह कहां खर्च हुआ है तो वहीं कांग्रेस ऐसे बड़ा भ्रष्टाचार बना बता रही है.

उद्घाटन से पहले ही उठे सवाल

स्मार्ट सिटी मिशन की अंतर्गत इस इंटर स्टेट बस टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है इसके निर्माण के लिए 18 महीने की समय सीमा रखी गई थी, स्मार्ट बस टर्मिनल का स्वरूप पूरी तरह हेरिटेज थीम पर आधारित है इसका काम लगभग 80 फ़ीसदी तक हो चुका है और इसके उद्घाटन को लेकर तैयारियां चल रही है, लेकिन इससे पहले ही यह टर्मिनल घोटाले की कटघरे में आ गया है.

इस स्मार्ट टर्मिनल का निर्माण 52 करोड़ करोड रुपए में होना था, लेकिन इसका निर्माण कार्य बजट से ज्यादा निकल गया और 14 करोड़ से अधिक का निर्माण कार्य कर दिया है, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अब इसका जवाब किसी भी अधिकारी के पास नहीं है स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का तर्क है कि इससे बनने की शुरुआत में यहां भराव काफी करना पड़ा और काफी तादात में मिट्टी लाई गई.

यह चार से पांच करोड़ रुपए का खर्च हो गया, खर्च हुआ तो दस्तावेज भी होंगे, लेकिन वह नहीं है।अब इस मामले को लेकर स्मार्ट सिटी सीईओ नीतू माथुर का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की कास्टिंग में लगभग 14 करोड़ रुपए का वेरिएशन आया है और यह नियम अनुसार है.

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हो रही जांच, स्थानीय अधिकारियों की समिति का निर्माण

इस वेरिएशन को लेकर अब अर्बन एडमिनिस्ट्रेशन वास डेवलपमेंट की टीम जांच कर रही है इसी वेरिएशन के कारण फिलहाल बस टर्मिनल का बचा हुआ काम बंद पड़ा हुआ है. निर्माण कार्य के बाद भुगतान के लिए लगाई गई बिलों की वेरिएशन की स्थिति को जांचने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग और स्थानीय अधिकारियों की समिति बनाई गई है यह समिति बिलों के वेरिएशन के जांच के बाद भुगतान की अनुशंसा करेगी.

कांग्रेस ने लगाया आरोप

वहीं इस घोटाले को लेकर कांग्रेस बड़े भ्रष्टाचार का आरोप लगा रखी है. कांग्रेस का कहना है कि ग्वालियर स्मार्ट सिटी भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा अड्डा है यह सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार के लिए ही बनाई गई है शहर के अंदर जितने भी बड़े निर्माण कार्य हो रही है उनमें कहीं ना कहीं बड़ा भ्रष्टाचारी देखने को मिला है.

बहरहाल, ग्वालियर में तैयार हो रहा यह इंटर स्टेट बस टर्मिनल उद्घाटन से पहले ही सवालों के घेरे में आ गया है. क्योंकि बिना नियमों के आधार पर बजट से ज्यादा का निर्माण कैसे कर दिया? अगर कर दिया तो अधिकारियों के पास इसका जवाब क्यों नहीं है.

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