MP News: उज्जैन में बैकुंठ चतुर्दशी पर होगा हरिहर मिलन; बाबा महाकाल भगवान विष्णु को सौंपेंगे सत्ता, 100 साल से निभाई जा रही परंपरा

MP News: महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में हरिहर मिलन की परंपरा 100 साल से पुरानी है. सिंधिया स्टेट के समय से ही इसका निर्वहन किया जा रहा है
Mahakaleshwar Mandir

भगवान महाकाल (फाइल फोटो)

MP News: आज बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जाया है. उज्जैन में इसे धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता कि भगवान शिव, भगवान विष्णु को सत्ता सौंपते हैं. उज्जैन के राजा बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है. बाबा महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर पहुंचकर सत्ता सौंपते हैं.

साल में एक बार होते हैं दुर्लभ दर्शन

बैकुंठ चतुर्दशी के दिन दुर्लभ दर्शन देखने को मिलते हैं. बाबा महाकाल और भगवान विष्णु का मिलन होता है. आज रात 11 बजे महाकालेश्वर मंदिर से बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाएगी. आधी रात को द्वारकाधीश गोपाल मंदिर के आंगन में पहुंचेंगे. यहां भगवान शिव भगवान विष्णु को सत्ता सौंपेंगे. हरिहर मिलन के साक्षी बनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवारी मार्ग के दोनों ओर मौजूद रहते हैं. इसके साथ गोपाल मंदिर भी पहुंचते हैं.

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हरिहर मिलन की 100 साल पुरानी परंपरा

महाकाल मंदिर के पंडित महेश पुजारी ने बताया सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में हरिहर मिलन की परंपरा 100 साल से पुरानी है. सिंधिया स्टेट के समय से ही इसका निर्वहन किया जा रहा है. यहां आधी रात्रि 12 बजे हरि हर मिलन कराया जाता है. पूजा अर्चना के बाद रात 2 बजे भगवान महाकाल की सवारी गोपाल मंदिर से फिर महाकाल मंदिर के लिए रवाना होती है.

क्या है मान्यता?

हिंदू कैलेंडर के आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी आती है. इस दिन भगवान विष्णु शयन करते हैं. चार महीने के सृष्टि सत्ता भगवान शिव के पास रहती है. शिवपुराण और विष्णु पुराण के अनुसार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवउठनी एकादशी को भगवान विष्णु नींद से जागते हैं. इन 4 महीनों तक सत्ता भगवान शिव के पास होती है. नींद से जागने के बाद भगवान विष्णु सत्ता अपने पास ले लेते हैं.

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