MPPSC में सिलेक्शन की लगाई हैट्रिक, अब डिप्टी कलेक्टर बनेगी किसान की बेटी प्रियल यादव

MP News: प्रियल ने बताया कि एमपीपीएससी की परीक्षा से लेकर रिजल्ट और इंटरव्यू के बाद ज्वाइनिंग मिलने में लगभग 4 साल का समय लग जाता है. इस दौरान आपको खुद पर विश्वास और हिम्मत रखनी होती है.
MP News, MPPSC, MPPSC Result 2021, Madhya Pradesh, Indore,

प्रियल ने एमपीपीएसी 2021 में छठी रेंक हासिल की है

MP News: कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो तब तक मत रुको जब तक मंजिल हासिल न हो जाए. इंदौर की प्रियल यादव ने ऐसा ही किया है. प्रियल ने 6-जून को जारी हुए एमपीपीएसी 2021 के रिजल्ट में छठी रैंक हासिल की है. बड़ी बात यह है कि प्रियल पिछले 3 बार से लगातार एमपीपीएससी में चयनित हो रही हैं. 2019 में वह रजिस्ट्रार के पद के लिए चयनित हुई थी, 2020 में प्रियल का चयन कोऑपरेटिव में हुआ था, लेकिन वह उन्होंने ज्वाइन नहीं किया था. प्रियल का टारगेट डिप्टी कलेक्टर बनने का था जो उन्होंने 2021 की परिक्षा में छठी रैंक के साथ हासिल कर लिया है. वर्तमान में वह खंडवा जिला पंजीयक हैं, हालांकि ट्रेनिंग के लिए वह इंदौर में पदस्थ हैं.

हर दिन की 12 से 14 घंटे पढ़ाई

प्रियल ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर की पोस्ट तक पहुंचने के लिए हर दिन 12 से 14 घंटे की पढ़ाई करना पड़ी है. जो भी पोस्ट पानी है, पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी हासिल करना पड़ता है. उसके आधार पर पढ़ाई करना काफी मददगार रहता है.

फैमिली का मिला सपोर्ट

प्रियल बताती हैं कि वह हरदा जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली हैं. उनके पिता किसान और मां गृहणी हैं. पढ़ाई के दौरान उन्हें पूरी फैमिली का सपोर्ट मिलता रहा है. उनके समाज में लड़कियों की जल्दी शादी हो जाती है, लेकिन प्रियल के परिवार ने विश्वास जताकर उन्हें पढ़ने का मौका दिया और इसी वजह से वह आज इस मुकाम को हासिल कर सकी है.

आईएएस पी नरहरी हैं आदर्श

प्रियल ने बताया कि जब वह इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रही थीं, तब उन्हें एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आईआईएम इंदौर जाना पड़ा था. वहा इंदौर के तत्कालीन कलेक्टर पी नरहरी ने दिव्यांग जनो के लिए रैंप बनाने की पहल की थी, जिससे कई लोगो को फायदा मिला था. इसी कार्यक्रम में प्रियल ने प्रशासनिक अधिकारी बनने का सोचा था.

नहीं बचती सोशल लाइफ

प्रियल के मुताबिक एमपीपीएससी की तैयारी करने के लिए सोशल लाइफ छोड़ना पड़ती है और आप सबसे दूर हो जाते हैं. इंजीनियरिंग के बाद सभी दोस्त जॉब करके कमाने लग गए थे, कुछ देश में तो कुछ विदेश चले गए थे, जबकि मैं तब भी पढ़ाई में स्ट्रगल कर रही थी, लेकिन अब वह मुकाम हासिल कर लिया जो चाहती थीं.

पेंटिंग का है शौक

पढ़ाई के तनाव को कम करने में पेंटिंग ने प्रियल कि बहुत मदद की है. जब भी अत्यधिक तनाव होता था, तो पढ़ाई बंद कर पेंटिंग करने लग जाती थी, इससे बहुत रिलैक्स मिलता है. हर व्यक्ति को अपनी हॉबी को भी साथ लेकर चलना चाहिए, ये बहुत मदद करती है.

महिलाओं के लिए बढ़िया है पंजीयक का जॉब

प्रियल के मुताबिक वह अपने वर्तमान काम को भी एंजॉय कर रही है. पंजीयक कार्यालय में महिलाओं की भूमिका बहुत अधिक नहीं है. जबकि यह काम महिलाओं के लिए बढ़िया है. इसमें फील्ड वर्क नहीं होता, ऑफिस में ही बैठकर काम करना होता है.

एमपीपीएससी के लेट रिजल्ट से होती थी चिंता

प्रियल ने बताया कि एमपीपीएससी की परीक्षा से लेकर रिजल्ट और इंटरव्यू के बाद ज्वाइनिंग मिलने में लगभग 4 साल का समय लग जाता है. इस दौरान आपको खुद पर विश्वास और हिम्मत रखनी होती है. क्योंकि तनावपूर्ण यह समय निकलने के जब सिलेक्शन हो जाता है तो बहुत सुकून मिलता है.

ज़रूर पढ़ें