MP News: शिक्षा में सुधार और कॉलेज स्टाफ की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी में विभाग, 1 जुलाई से कॉलेजों में सार्थक ऐप में लगाई जाएगी हाजरी
MP News: उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षा में सुधार व कॉलेज स्टाफ की मनमानी पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है. आगामी एक जुलाई से सार्थक ऐप में हाजरी कॉलेजों में लगाई जाएगी. इस ऐप में थोड़ा भी देरी या फिर लोकेशन से बाहर जाने पर तुरंत संबंधित की एबसेन्ट लग जाएगी. इसको लेकर तैयारियां शुरू हैं. रीवा व शहडोल संभाग के कॉलेज स्टाफ का डाटा ऑनलाइन फीड किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक आगामी एक तारीख से ऑनलाइन हाजरी कॉलेजों में भरने की व्यवस्था शुरू की जाएगी. इसके लिए शासन द्वारा सार्थक ऐप तैयार किया गया है. इससे ही कॉलेज के प्राध्यापक, अतिथि विद्धान सहित जनभागीदारी व स्ववित्तीय अन्य स्टाफ को हाजरी भरने के लिए निर्देश जारी किए जा रहे हैं. बताया गया कि ऐप में ऑनलाइन हाजरी भरनी होगी, जिसमें पहले से ही समय फीड रहेगा और यदि निर्धारित समय में की गई देरी से हाजरी बिना महाविद्यालय आए भरी जाती है तो ऐप ऑटोमैटिक एबसेन्ट लगा देगी और इसके अनुसार ही वेतन शासन स्तर से बन कर आएगा. सबसे अधिक समस्या नियमित प्राध्यापकों व स्टाफ के लिए रहेगी क्योंकि इनका वेतन शासन स्तर से ही बनता है और सबसे ज्यादा मनमानी भी इनकी ही होती है. देरी से महाविद्यालय आना, बच्चों की क्लास न लेना, हाजरी भरकर वापस लौट जाने जैसी लगातार पहुंच रहीं शिकायतों के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है.
200 मीटर दायरे से बाहर गए तो गैरहाजिर
बताया गया कि ऐप में हाजरी लगाने के बाद भी यदि महाविद्यालय क्षेत्र के 200 मीटर एरिया से बाहर गए तो ऐप ऑटोमैटिक अनुपस्थित कर देगी. जिसके बाद शासन स्तर से वेतन भी उसी उपस्थिति के अनुसार आएगा. यदि प्राध्यापक या अन्य स्टाफ को महाविद्यालय से बाहर किसी काम से जाना है तो उन्हें ऐप में उक्त आशय की जानकारी पहले भरनी होगी. इसके बाद ही वह काम से बाहर जा सकेंगे. अनुपस्थिति में प्राचार्य व एडी के प्रतिवेदन के अनुसार ही सुधार किया जाएगा.
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1169 स्टाफ का फीड हुआ डाटा
बता दें कि ऐप में रीवा एडी कार्यालय अंर्तगत सभी 9 जिलों के महाविद्यालयों का डाटा फीड किया जा रहा है. अभी तक नियमित प्राध्यापक व अन्य स्टाफ का करीब 1169 कर्मचारियों का डाटा फीड हो चुका है. इसके बाद अतिथि विद्धान, जनभागीदारी व स्ववित्तीय सहित अन्य का डाटा फीड किया जाएगा. सभी की जानकारी एक जुलाई तक फीड की जानी है. ऑनलाइन होने के बाद ऐप को एक तारीख से शुरू कर दिया जाएगा. ऐप में कॉलेज कैंपस सहित अन्य जानकारी भी फीड रहेगी. थंब मशीन से नहीं लगी रोक उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेज में स्टॉफ द्वारा की जा रही मनमानियों पर रोक लगाने के लिए धंब मशीन से हाजरी लगवाने के आदेश जारी किए थे लेकिन इससे मनमानी को नहीं रोका जा सका. अब सार्थक एप से हाजरी लगाने की तैयारी चल रही है. हालांकि समय बताएगा कि ऐप से हाजरी से कितनी रोक लग सकती है. हालांकि इसकी भनक नियमित प्राध्यापकों को लगते ही पहले ही विरोध के स्वर सुने जाने लगे हैं. फिलहाल इस एप से मनमानी पर लगाम लगने की चर्चाएं भी हो रही हैं. 6 महाविद्यालयों में अब सार्थक एप से हाजरी लगेगी, एप में महाविद्यालय के लोकेशन में आकर ही हाजरी मान्य होगी. किसी कार्य से बाहर जाने के लिए 200 मीटर के अंदर रहकर ही जानकारी देनी होगी। यदि ऐसा नहीं हुआ तो एप में एबसेन्ट लग जाएगा. जिसके अनुसार ही वेतन तैयार होगा.