MP News: इंदौर का अहिल्या पथ बना भ्रष्टाचार का पथ, स्कीम लागू होने के पहले ही प्लान लीक, भूमाफियाओं ने खरीद ली 300 हेक्टेयर जमीन
MP News: इंदौर में सिंहस्थ 2028 के अनुसार इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई. अहिल्या पथ योजना का प्लान योजना लागू होने से पहले ही लीक कर दिया गया. इसका फायदा उठाते हुए भूमाफियाओं, दलालों, नेताओ और अधिकारियों ने सिंडिकेट बनाकर अहिल्या पथ स्कीम से प्रभावित गाँवों में 300 हेक्टर से ज़्यादा ज़मीन खरीदकर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से नक्शे पास करवाकर करोड़ों का भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे है. अब अधिकारी पास किए गए नक्शे को निरस्त करने की बात कह रहे है. वहीं योजना का लेआउट पहले ही लीक करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही है. आईडीए ने नैनोद गांव से रेवती तक 15 किलोमीटर 1400 हेक्टेयर की अहिल्या पथ योजना बनाई है. लेकिन स्कीम लागू होने से पहले ही इसके लेआउट लीक होने के आरोप लगाए गए है. इसकी वजह से शासन को 1000 करोड़ से ज़्यादा का नुक़सान होने की बात कही जा रही है.
अहिल्या पथ का अलायमेंट भी परिवर्तित किया गया हैं. पूर्व में निर्धारित अलायमेंट ले आउट और वर्तमान ले आउट में जमीन आसमान का फ़र्क़ हैं. स्कीम लगने के बाद आईडीए ज़मीन मालिक को नियमानुसार पचास प्रतिशत विकसित भूखंड देगा, जिसका फायदा भूमाफिया उठते हुए आम जनता को महंगे दाम में प्लॉट्स बेचेंगे. जबकि 50 प्रतिशत प्लॉट भूमि स्वामी को देने और विकास करने के बाद बचे हुए प्लॉट्स आईडीए को मिलने थे, जिनकी कीमत 1000 करोड़ से अधिक होगी.
इन गांवों में हुए है इतने नक्शे पास
बडा बांगड़दा में 125 हेक्टेयर में 35 नक्शे, नैनौद में 50 हेक्टेयर 16 नक्शे, बरदरी में 15 हेक्टेयर में 9 नक्शे, लिम्बोदागिरी में 9 हेक्टेयर में 5 नक्शे, पालाखेड़ी में 18 हेक्टेयर 7 नक्शे, बुधानिया में 16 हेक्टेयर में 5 नक्शे अहिल्या पथ की लगभग 300 हेक्टेयर भूमि पर ताबड़तोड़ नक्शे स्वीकृत किए गए है. इनमे से ज्यादातर नक़्शों को ऑनलाइन नहीं किया गया है. कुल 77 नक्शे पास किए गए है, लेकिन अधिकारी इतनी संख्या बताने से बच रहे हैं.
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सामने आया अधिकारियों और भूमाफियाओं का गठजोड़
वहीं आईडीए और टीएनसीपी अधिकारियों का भूमाफियाओं से गठजोड़ सामने आने के बाद अधिकारी सफाई देने में जुटे है. संभागायुक्त दीपक सिंह के मुताबिक टीएनसीपी के ज्वाइंट डायरेक्टर को जमीन का डायवर्शन और नक्शे पास करने का अधिकार है. योजना लागू होन के बाद जिन स्थानों पर नगर निगम से भवन अनुज्ञा नहीं की गई है और जहां अभी तक विकास कार्य शुरू नहीं हुए है, वहां के नक्शे निरस्त करवाएंगे.
अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग
इस मामले में आईडीए और टीएनसीपी अधिकारियों पर कार्रवाई करने को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायत की गई है. दोनों विभाग के बड़े अधिकारियो और पूर्व आईडीए अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे है, लेकिन इन अधिकारियों पर कार्रवाई करने की संभावना नजर नहीं आ रही है.