MP News: इंदौर में ‘टॉय क्लस्टर’ को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कब्जा हटाए बगैर बेदखली का नोटिस खारिज

MP News: टॉय क्लस्टर में 20 प्लॉट खिलौना व्यापारियों को आवंटित भी कर दिए गए थे. इस जमीन पर अनेक पक्के निर्माण कर लिए गए थे जिन्हें हटाया नहीं गया
Indore bench of MP High Court rejected the notice

एमपी हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने नोटिस खारिज किया

MP News: इंदौर के राऊ के पास रंगवासा में 3.50 हैक्टेयर में टॉय क्लस्टर में आवंटित जमीनों के मालिक उद्योगपतियों की हाईकोर्ट में जीत हुई. दरअसल मामला कुछ इस तरह है टॉय क्लस्टर की जमीन पर कई लोगों के कब्जे थे, जिन्हें हटाया नहीं गया. कब्जे के कारण उद्योग नहीं लग सके और उधर प्लांट लगने की समयावधि बीत जाने पर नोटिस दे दिए गए जिन्हें हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है. सूक्ष्म, मध्यम व लघु उद्योग विभाग ने टॉय क्लस्टर विकसित किया है. इसका उद्घाटन अगस्त 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया था.

टॉय क्लस्टर में 20 प्लॉट खिलौना व्यापारियों को आवंटित भी कर दिए गए थे. इस जमीन पर अनेक पक्के निर्माण कर लिए गए थे जिन्हें हटाया नहीं गया. अतिक्रमण करने वालों को केवल नोटिस दिए गए जिसमें कहा कि वह जमीन मुक्त कर इंडस्ट्री लगाने वालों को कब्जा सौंप दें. उद्योगपतियों से विभाग ने एग्रीमेंट कर लिया. जब उन्हें आवंटित जमीन पर कब्जा नहीं मिला तो उन्होंने विभाग में शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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प्लांट लगाने की निर्धारित 3 वर्ष की समय सीमा बीत गई, जिसके बाद विभाग ने उद्योगपतियों को नोटिस जारी कर दिया कि क्यों ना आवंटन निरस्त कर दिया जाए? इसके बाद वे हाईकोर्ट चले गए. जस्टिस प्रणय वर्मा की खंडपीठ ने कहा कि अतिक्रमित भूमि पर उद्योग लगाना संभव नहीं है. सरकार यह तर्क नहीं दे सकती कि खाली भूमि पर उद्योग की स्थापना शुरू करें. शेष भूमि पर कब्जा पाने की कोशिश करते रहें.

यदि सरकार ने उद्योगपतियों को आवंटित भूमि पर कब्जा नहीं दिया है, तो वे समयावधि में परियोजना शुरू नहीं करने के आरोप भी नहीं लगा सकती. कुल 3.565 हेक्टेयर में से 0.829 हेक्टेयर भूमि पर अतिक्रमण था. हाईकोर्ट ने उद्योगपतियों की इस बात से सहमति जताई कि जब तक अतिक्रमणकारियों को नहीं हटाया जाएगा, तब तक उनके लिए आवंटित भूखंड पर उद्योग स्थापित करना कैसे संभव होगा. हाईकोर्ट ने न केवल नोटिस निरस्त कर दिए बल्कि विभाग को निर्देश दिया कि वो आवंटित भूमि से कब्जा खाली करवाए.

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