MP News: इंदौर में बनने से पहले ही भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा जिला अस्पताल, स्वास्थ्य मंत्री भी कर चुके हैं दौरा, अब जिम्मेदार बना रहे बहाने
MP News: इंदौर में जिला अस्पताल जिसका निर्माण 2018 में शुरू हुआ, लेकिन 6 साल बीतने के बाद भी पूरा नहीं हो सका. अस्पताल की मुख्य बिल्डिंग के 2 फ्लोर बन चुके है, जबकि तीसरे और चौथे फ्लोर का काम जारी है. इसका कितना घटिया निर्माण किया जा रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बारिश के मौसम की।पहली बारिश में ही इसके ग्राउंड फ्लोर पर छत से पानी टपक रहा है. अस्पताल का दौरान करने आए विभाग के मंत्री को भी गुमराह कर दिया गया.
पश्चिमी इंदौर के रहवासियों को बेहतर चिकित्सीय सुविधाए मुहैया करवाने के लिय 2018 में कमलनाथ सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने पुराना जिला अस्पताल तोड़कर 100 बेड का नया अस्पताल बनाने का योजना बनाई थी. इसकी बिल्डिंग बनाने के लिए 17 करोड़ रूपयो का बजट जारी किया गया था. लेकिन कांग्रेस सरकार गिरने के बाद बीजेपी ने जिला अस्पताल को 300 बेड का बनाने की योजना बनाई और इसका बजट 84 करोड़ रुपए करते हुए इसे 4 मंजिला बनाने की कार्ययोजना बना दी गई. इसके निर्माण की जिम्मेदारी हाउसिंग बोर्ड को दी गई है. इसमें हैरानी की बात यह है कि इसकी 2 मंजिल का काम अलग ठेकेदार और तीसरी चौथी मंजिल का काम अलग ठेकेदार कर रहा हैं.
ठेकेदार की सिक्योरिटी है जमा
जिला अस्पताल की नई बन रही बिल्डिंग का निरीक्षण करने पिछले दिनों उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल पहुंचे थे. यहां निरीक्षण के दौरान उन्हे बिल्डिंग में कोई खामी नजर नहीं आई. उनका मानना है कि अभी तो निर्माण चल रहा है, निर्माण पूरा होने के बाद यह समस्या आती है तो हमारे पास ठेकेदार की सिक्योरिटी मनी डिपॉजिट रहती है.
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टाइल्स लगाने का चल रहा है काम
वही जिला अस्पताल के जिम्मेदार सिविल सर्जन डॉ जीएल सोढ़ी का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री के दौरे के समय बिल्डिंग की पहली मंजिल में छत से पानी टपक रहा था. इस बारे में इंजिनियर से जानकारी ली तो उसने बताया कि पहली मंजिल पर टाइल्स लगाने का काम चल रहा है, जब पूरा हो जाएगा तो पानी टपकना बंद हो जाएगा. जिम्मेदार दावा कर रहे है कि बनने के बाद ऐसा नहीं होगा. बनने के बाद एक्सपर्ट्स की जांच के बाद बिल्डिंग हैंड ओवर के जायेगी.
डॉक्टर्स और मरीजों को आएगी दिक्कत
जिला अस्पताल का नया भवन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है. यदि पानी इसी तरह से टपकने का सिलसिला जारी रहा तो इसका खामियाजा इलाज करवाने आने वाले मरीजों के साथ उनके परिजनों और डॉक्टर्स को भुगतना पड़ेगा, क्योंकि जिस जगह दीवार में सीलन और पानी टपकने की समस्या आ रही है, वहां मरीजों के वार्ड और डॉक्टर केबिन बनाए जाना है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर डॉक्टर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.