MP News: इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने रोड रेस्टोरेशन कार्य का अवलोकन किया, स्पेशल केमिकल युक्त सीमेंट से हो रहा सड़क पैचवर्क का कार्य

MP News: सड़क रेस्टोरेशन का कार्य नेचुरल सीमाको प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नवीन तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है.
Mayor Pushyamitra Bhargava inspected the road patchwork restoration work being done using environment-friendly new technology.

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने पर्यावरण हितैषी नवीन तकनीक से किए जा रहा सड़क पैचवर्क रेस्टोरेशन कार्य का निरीक्षण किया.

MP News: महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने शहर में चल रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों के अंतर्गत वर्षाकाल या अन्य कारणों से सड़कों पर गड्ढे बनने से नागरिकों को होने वाली परेशानी से बचाने के उद्देश्य से भंडारी मिल तिराहा पर पर्यावरण हितैषी नवीन तकनीक से किए जा रहे सड़क पैचवर्क रेस्टोरेशन कार्य का निरीक्षण किया.

इस अवसर पर सांसद शंकर लालवानी, विधायक गोलू शुक्ला, जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौड़, झोन अध्यक्ष गजानंद गावड़े, पार्षद सुरेश टाकलकर, अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर, सिटी इंजीनियर डी.आर. लोधी, नरेश जायसवाल, नेचुरल सीमाको प्राइवेट लिमिटेड की पल्लवी बड़जात्या, राजेश चौधरी और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे.

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने नवीन तकनीक से किए जा रहे सड़क रेस्टोरेशन कार्यों का निरीक्षण करते हुए संबंधित कंपनी के प्रतिनिधियों से रेस्टोरेशन कार्य की गुणवत्ता और प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की. महापौर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सड़क मरम्मत कार्य की गुणवत्ता और लागत की अन्य कंपनियों से तुलना कर, वित्तीय भार और जोखिम के संबंध में भी जानकारी लें.

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जानकारी के अनुसार, सड़क रेस्टोरेशन का कार्य नेचुरल सीमाको प्राइवेट लिमिटेड द्वारा नवीन तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है, जिसमें कंप्लीट प्रीमिक्स पदार्थ में पानी मिलाकर इसे रेस्टोरेशन के स्थान पर लगाया जाता है. यह सामग्री 2 से 4 घंटे के भीतर पूरी तरह सूख जाती है.

इको-फ्रेंडली प्रणाली से गड्ढे भरने का ट्रायल किया गया है, जिसमें विशेष केमिकल युक्त सीमेंट का उपयोग किया जाता है, जो मात्र दो घंटे में ही सूख जाता है. इससे सड़क का दुरुस्त हिस्सा दो घंटे बाद ही उपयोग में लाया जा सकता है.

इस तकनीक के तहत, पहले गड्ढे का उखड़ा हुआ मटेरियल बाहर निकाला जाता है और कंकड़-पत्थर साफ करके गड्ढे का बेस तैयार किया जाता है. इसके बाद, कंपनी द्वारा तैयार मटेरियल का उपयोग करके गड्ढे भरे जाते हैं. 25 किलो मटेरियल में ढाई लीटर लिक्विड मिलाकर इसे इलेक्ट्रॉनिक मिक्सर से तैयार किया जाता है. इसमें डामर का उपयोग नहीं होता और स्पेशल इको-फ्रेंडली सीमेंट, जो पॉलीमर स्ट्रेंथ वाला होता है, का मिक्स किया जाता है.

मटेरियल को गड्ढे में भरकर मजदूरों द्वारा समतल किया जाता है. इस सीमेंट की खासियत यह है कि यह दो घंटे में सूख जाता है, जिसके बाद सड़क का हिस्सा ट्रैफिक के लिए खोला जा सकता है.

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