छिंदवाड़ा में Kamal Nath का रहा है दबदबा, अब बेटे नकुलनाथ ने बचा रखी है एमपी में कांग्रेस की इकलौती सीट

Kamal Nath : 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी. 2019 में छिंदवाड़ा सीट पर नकुलनाथ ने जीत हासिल करके सीट बचाई थी.
kamal nath

कमलनाथ व नकुलनाथ

Kamal Nath: मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों कांग्रेस नेता कमलनाथ और छिंदवाड़ा से सांसद उनके बेटे नकुलनाथ पर राजनीतिक चर्चा तेज है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों भाजपा में शामिल हो सकतें हैं. अटकलों का बाजार तब और गर्म हो गया जब कमलनाथ छिंदवाड़ा में अपने तय कार्यक्रम को रद्द करते हुए दिल्ली रवाना हो गए. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में चल रहे भाजपा के राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद वो पार्टी में शामिल हो सकतें हैं.

कैसा रहा नकुलनाथ का राजनीतिक सफर

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं. पूर्व में इस सीट से कमलनाथ चुनाव लड़ते आ रहे थे. 2019 लोकसभा चुनाव में छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ते हुए नकुलनाथ ने भाजपा के नाथनसाह कावरेती को 37, 536 मतों के अंतर से हराया था. गौर करने वाली बात यह है कि मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीट में जहां 28 पर भाजपा ने जीत हासिल किया था. वहीं छिंदवाड़ा सीट पर नकुलनाथ ने जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था.

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छिंदवाड़ा सीट पर कमलनाथ का रहा दबदबा

1979 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने जाने के बाद कमलनाथ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद 1984, 1990, 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इसके साथ ही वो केंद्रीय मंत्री रहते कई मंत्रालय में महत्वपूर्ण दायित्व निभा चुके हैं. 1991 से 1994 तक केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री, 1995 से 1996 तक केंद्रीय कपड़ा मंत्री, 2004 से 2008 तक केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री, 2009 से 2011 तक केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री, 2012 से 2014 तक शहरी विकास मंत्री व संसदीय कार्य मंत्री रहे चुके हैं.

15 साल बाद मध्य प्रदेश में कराई कांग्रेस की घर वापसी

2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सबसे ज्यादा सीटें हासिल कर सरकार बनाई थी. कमलनाथ प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. लेकिन ये खुशी ज्यादा दिनों तक नहीं रह पाई. 15 महीनों के अंदर ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई. वहीं विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की हार के बाद अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि कमलनाथ कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं.

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