MP में खाद का काला खेल: किसानों तक पहुंचने से पहले ही रास्ते में गायब हो गई 3000 बोरियां, सिर्फ 2 पर केस दर्ज
खंडवा में खाद घोटाला
MP News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में हुए खाद घोटाले को लेकर हुई कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं. यहां किसानों को मिलने वाली हजारों बोरी यूरिया बीच रास्ते में ही गायब हो गई और मामला जब खुला तो कार्रवाई सिर्फ दो छोटे कर्मचारियों पर हुई. जानें पूरा मामला-
जानें पूरा मामला
मामला खंडवा जिले के पदमनगर थाना का है. यहां सहकारी बैंक कर्मचारी और ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी ने मिलकर करीब 3000 हजार खाद की बोरियां आधे रास्ते में गायब कर ब्लैक में बेच दी. यह खाद की बोरियां समितियों तक पहुंचनी थी. अब इस घोटाले का खुलासा होने के बाद प्रशासन में हड़कंप में मच गया है. वहीं, जांच के बाद पुलिस ने सहकारी बैंक कर्मचारी और ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज की है.
जांच में सामने आया कि जिला सहकारी बैंक के कर्मचारी जीवन वर्मा और ट्रांसपोर्ट कंपनी के कर्मचारी राजेश मंडलोई ने मिलकर करीब 3000 बोरी यूरिया का गबन किया. इन्होंने बिल्टियों पर फर्जी सील और हस्ताक्षर कर कंपनियों को धोखा दिया गया.
‘ये पूरा नेटवर्क है’
इस मामले में संयुक्त कृषक संगठन के अध्यक्ष नरेंद्र पटेल ने कहा- ‘हमें लगता है कि ये पूरा नेटवर्क है. बैंक के बड़े अफसर, कंपनियां और ट्रांसपोर्टर सब इसमें शामिल हैं. सिर्फ छोटे कर्मचारियों को पकड़ना किसानों के साथ धोखा है.’
‘FIR में बड़े नाम क्यों नहीं जोड़े’
वहीं, किसान नेता जय पटेल का दावा है कि कंपनियों और बैंक अधिकारियों को बार-बार सूचना दी गई लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. किसानों का कहना है कि जब सबूत मौजूद हैं, तो FIR में बड़े नाम क्यों नहीं जोड़े गए?
प्रशासन पर उठे सवाल
FIR में छोटे नाम शामिल हैं, लेकिन आरोप बड़े हैं. ऐसे में प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर बड़े मगरमच्छों को बचाने की कोशिश क्यों हो रही है? क्या यह सिर्फ लीपापोती है या वाकई असली दोषियों तक पहुंचने का इरादा है?