MP News: एमपी में आचार संहिता में भी बंद नहीं होगी कोई योजना, 14 विभागों को मोहन सरकार ने दिया 18923 करोड़ का फंड
Bhopal: लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश में भले ही आचार संहिता लागू है लेकिन सरकार आचार संहिता लागू होने के बाद भी योजनाओं को जारी रखेगी. लेखानुदान में योजनाओं के लिए प्रावधान सरकार ने पहले ही कर लिया था. 31 मार्च की क्लोजिंग के बाद नए सिरे से 4 महीने के लिए वित्त विभाग में 14 विभागों को बजट आवंटित कर दिया है. हालांकि सरकार आचार संहिता के प्रभावी होने के चलते कोई नई योजना शुरू कर नहीं कर सकती है, इसके अलावा जारी योजनाओं के लिए फंड जरूर दे सकती है.
मध्य प्रदेश में जारी योजनाओं को संचालित करने के लिए मोहन सरकार ने 18923 करोड रुपए का फंड जारी किया है. हालांकि कुछ बैरियर भी लगाए गए हैं. वित्त विभाग ने सभी विभागों की अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रमुख सचिव व सचिव को निर्देश दिए हैं कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से चलाए जा रहे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और वन विभाग के फंड को खर्च करने के लिए अनुमति जरूरी होगी. इसके अलावा सभी विभागों को 30 करोड़ से अधिक के भुगतान के लिए भी अनुमति लेना अनिवार्य किया है. इसके अलावा वित्त विभाग ने कुछ श्रेणियां के बजट को रिलीज भी किया है. छात्रवृत्ति, अनुदान भुगतान, प्राकृतिक आपदा, अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम के तहत मुआवजा, सरकार के कर्ज की अदायगी, वेतन, भत्ते, मजदूरी, पेंशन, ट्रैवल एलाउंस, गृह विभाग के अंतर्गत विशेष सेवाओं के लिए मानदेय के लिए बिना सरकार की अनुमति विभाग बजट खर्च कर सकेंगे.
नया विमान, एयर एंबुलेंस और पीएम श्री योजना के लिए भी अनुमति जरूरी
लेखानुदान में बजट का प्रावधान करने के साथ वित्त विभाग में 43 विभागों को निर्देश दिए हैं कि वित्त विभाग की अनुमति के बाद ही आहरण किया जाएगा. यानी कि वित्त विभाग की स्वीकृति फंड के लिए जरूरी होगी. जिसमें नगरीय विकास आवास विभाग में चल रही स्मार्ट सिटी, मुख्यमंत्री शहरी आधोसंरचना, महाकाल परिसर विकास योजना सहित अन्य योजनाओं को भी गति देने के लिए वित्त की अनुमति फंड के लिए जरूरी होगी. इसके अलावा सरकार के नए विमान मुख्यमंत्री और एंबुलेंस सेवा और पीएम श्री योजना के लिए भी वित्त विभाग की सहमति के बिना फंड का इस्तेमाल विभाग नहीं कर सकेंगे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री पुलिस आवास, नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए भी जरूरी रहेगी सहमति
वित्त विभाग के अधिकारियों को कहना है कि 31 मार्च 2024 का वित्तीय बजट खत्म हो चुका है. बजट लैप्स होने की स्थिति में कई नियमों में संशोधन भुगतान के संबंध में किया गया है. इसमें कई योजनाएं भी कुछ महीनो के लिए प्रभावित हो सकती हैं. इसलिए विभागों के खर्चे पर वित्त विभाग की अनुमति लेने के लिए कहा गया है लाडली लक्ष्मी योजना मुख्यमंत्री, पुलिस आवास नर्सिंग कॉलेज के निर्माण के लिए भी विभागों को सहमति लेना होगा.